कानपुर – निर्माणाधीन भवन की धंसी मिटटी, दो मजदूरो की मौत.
समीर मिश्रा / आदिल अहमद /अरमान खान
कानपुर. मानको को और सुरक्षा को ताख पर रख कर छावनी क्षेत्र में हो रहे एक निर्माण कार्य ने आज एक बड़े हादसे का रूप ले लिया और हादसे ने दो लोगो की जान ले लिया. कानपुर शहर के दिल कहे जाने वाले माल रोड पर नरोना चौराहे के पास वासन आई केयर नामक अस्पताल के पीछे चल रहे एक निर्माण कार्य में मिटटी बैठ जाने से दो मजदूरों की दबकर मौत हो गई. घटना के बाद मचे कोहराम में अधिकारियो की नींद टूटी और राहत कार्य प्रारम्भ करवाया. मिटटी के नीचे कई लोगे के दबे होने की सुचना आ रही थी. खुदाई में दो लोगो को बाहर निकाला गया जिनको अस्पताल ले जाने के बाद चिकित्सको ने मृत घोषित कर दिया है. घटना सुबह 11 बजे के लगभग की बताई जा रही है.
घटना के सम्बन्ध में प्राप्त समाचारों के अनुसार वासन आई केयर के ठीक पीछे एक भवन में निर्माण का कार्य चल रहा था. इस दौरान वहा खुदाई हो रही थी, अगर मौके पर उपस्थित मजदूरों के बयानों को आधार माने तो ठेकेदार द्वारा बिना किसी सुरक्षा के नीचे बेसमेंट के हेतु मिटटी की खुदाई करवाई जा रही थी. मिटटी सब एक पाइप के ऊपर टिकी थी जिसको किसी तरह का सुरक्षा का इंतज़ाम किये बगैर हटाया जा रहा था. इस दौरान अचानक मिटटी बैठ गई और अन्दर काम कर रहे मजदूर उसके नीचे दब गये. दुर्घटना के बाद नींद से जागे प्रशासन ने आनन् फानन में बचाव कार्य आरम्भ कर दिया. मिटटी के मलवे के नीचे से दबे मजदूरों को बाहर निकाल कर पास स्थित उर्सला अस्पताल भेजा गया जहा चिकित्सको ने दोनो मजदूरों को मृत घोषित कर दिया. घटना में कई अन्य मजदूरों के भी घायल होने की बात प्रत्यक्षदर्शी दबे जुबान से कहते मिले. वह घायल मजदूर कहा है उनकी स्थिति अब कैसी है और उनका इलाज कहा करवाया जा रहा है इसकी जानकारी कोई अधिकारी देने को तैयार नहीं है और घायलों के सम्बन्ध में सभी अनभिज्ञता प्रकट कर रहे है.
घटना के बाद अधिकारियो ने मौके पर पहुच कर मामले की लीपापोती करने का प्रयास तेज़ कर दिया है. मृतक मजदूरों के नाम कुंडा प्रतापगढ़ के नवाबगंज क्षेत्र निवासी मनोज उर्फ़ बिंदा और लवकेश बताया जा रहा है. मौके पर जवाब देने के लिये कोई भी अधिकारी कैमरे पर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है जबकि कही न कही से निर्माण संदेह के घेरे में आ रहा है. ठेकेदारी प्रथा और कमीशनखोरी का मजदूरों ने खुला आरोप लगाया है. भवन किसका है, इसका ठेकेदार कौन है इसकी जानकारी अभी उपलब्ध नहीं हुई है.
कहा से आते है मजदूर
आस पास के जिले से मेहनतकश लोगो को लेकर कुछ कथित ठेकेदार शहर आते है और कंस्ट्रक्शन साईट पर उनको काम दिलवाते है. एक दिन की दिहाड़ी के बदले 400 रुपया मजदूरों को कुल दिया जाता है जबकि उन 400 रुपयों में से 25 रुपया उनको लाने वाला ठेकेदार खुद ले लेता है अपने कमीशन के तौर पर.