रात्रि के दस बजे से सुबह छह बजे तक नही बजेगा लाउडस्पीकर,
शादी-विवाह, भजन-कीर्तन व अजान में हो मानकों का पालन
संजय ठाकुर/ अंजनी राय.
मऊ ।। चिरैयाकोट थाना परिसर में हुई धर्मस्थलों के प्रबंधकों तथा मस्जिदों के मुतवल्लियों की बैठक में थानाध्यक्ष राहुल ¨सह ने साफ बताया कि हाईकोर्ट के फरमान के तहत अब रात को 10 बजे से सुबह 6 बजे तक लाउड स्पीकर नहीं बजेंगे। डीजे व अन्य कार्यक्रम के लिए ध्वनि विस्तारक का प्रयोग बंद कमरे में ही होगा। उन्होंने बताया कि ध्वनि प्रदूषण को चार भागों में बांटा गया है। औद्यागिक क्षेत्र में दिन में 75 डेसिबल व रात में 70 डेसिबल, व्यवसायिक एरिया में रात में 65 व दिन में 55 डेसिबल, आवासीय एरिया में दिन में 55 व रात में 45 डेसिबल, शांत क्षेत्र में दिन में 50 व रात्रि में 40 डेसिबल की सीमा में ही बजेगा। इस आदेश का उल्लंघन हुआ तो एक लाख रुपए जुर्माना व पांच वर्ष तक की जेल हो सकती है।
दोहरीघाट थाना में गुरुवार को हुई बैठक में थानाध्यक्ष नीरज कुमार पाठक ने बताया कि बगैर अनुमित लाउडस्पीकर का प्रयोग करना प्रतिबंधित कर दिया गया है। किसी ने अगर ऐसा किया तो उसे सजा हो सकती है। धार्मिक स्थानों पर प्रयोग करने वालों को अनुमति लेनी होगी।
मधुबन थाना परिसर में ध्वनि विस्तारक यंत्र के प्रयोग के बाबत हुई धर्मानुयायियों की बैठक में उपजिलाधिकारी निरंकार ¨सह ने कहा कि बगैर अनुमति के ध्वनि विस्तारक यंत्र का प्रयोग करना गैरकानूनी होगा। शादी विवाह हो धार्मिक आयोजन, पहले अनुमति लें, फिर मानकों के अनुसार निर्धारित डेसिबल में ही बजाएं। रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक किसी भी दशा में ध्वनि विस्तारक यंत्र के प्रयोग की अनुमति नही दी जाएगी। उल्लंघन हुअ तो कड़ी कार्रवाई तय है।