एनसीआर हरित ऊर्जा से करेगा 12 करोड़ की बचत
इलाहाबाद : देश को कार्बन क्रेडिट दिलाने के लिए उत्तर मध्य रेलवे (एनसीआर) हरित ऊर्जा (सोलर प्लांट) को बढ़ावा दे रहा है। एनसीआर में अभी तक 4.92 मेगावाट क्षमता के सोलर प्लांट स्थापित हो चुके हैं। इस साल कुल 11.12 मेगावाट का लक्ष्य है। यह काम पूरा होने पर एनसीआर प्रतिवर्ष 12 करोड़ रुपये की बचत करेगा।
उत्तर मध्य रेलवे के महाप्रबंधक एमसी चौहान ने कहा कि वर्ष 2017 में एनसीआर में माल लदान, आय और समय पालन में सुधार के साथ एक नया रिकार्ड एनसीआर ने बनाया है। 2018 में हमारा फोकस हरित ऊर्जा के अधिकतम उत्पादन पर रहेगा। उन्होंने कहा कि कार्बन डाईआक्साइड का उत्सर्जन कम करने के लिए हरित ऊर्जा के उपयोग को बढ़ाने की जरूरत है। इसलिए सभी कार्यालय, स्टेशन एवं अन्य भवन आदि पर सौर ऊर्जा के संयंत्र लगाए जा रहे हैं।
31 दिसंबर तक 4.92 मेगावाट क्षमता के सोलर प्लाट स्थापित किए जा चुके हैं। इसमें से 3.80 मेगावाट क्षमता के संयंत्र नव स्वीकृत 10 मेगावाट का हिस्सा है। इस वर्ष में कुल 11.12 मेगावाट से संयंत्र लगाने की कार्य योजना है। इससे प्रतिवर्ष 1,50,17,560 यूनिट हरित ऊर्जा का उत्पादन होगा, जिससे रेलवे की 11,95,39,777 की प्रतिवर्ष बचत होगी। जीएम ने बताया कि हरित ऊर्जा का उपयोग बढ़ने से पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। साथ ही प्रतिवर्ष लगभग 9000 टन कोयले की बचत होगी।
8646.912 टन कार्बन क्रेडिट होगा अर्जित : एमसी चौहान ने कहा कि कोयले से एक यूनिट बिजली बनाने पर दो किलो कार्बन डाइआक्साइड वातावरण में जाती है। प्रतिवर्ष 1,50,17,560 यूनिट हरित ऊर्जा का उत्पादन होने पर उत्तर मध्य रेलवे 8646.912 टन कार्बन क्रेडिट अर्जित करेगा। इससे देश का कार्बन क्रेडिट बढ़ेगा।