परिवाहन निगम की उदासीनता के चलते खटारा बसों मे सफर करते है विदेशी यात्री
धक्का देकर परिवाहन निगम की चलती है बसे
फारुख हुसैन
गाैरीफंटा /पलिया कला-लखीमपुर खीरी । इण्डो-नेपाल अन्तर्राष्ट्रिय बार्ङर से संचालित उत्तर प्रदेश राज्य सङक परिवाहन निगम कि खटारा बसाे के चलते चालक , परिचालक यात्रीयाें से लगवाते है बसाें में धक्के और बसे कि टस से मस नहीं करतीं।
भारतीय सीमा क्षेत्रके गौरीफंटा बार्डर से पङाेसी देश नेपाल के नागरिकाें कि सुख सुबिधा के लियें राज्य सङक परिवाहन निगम ने देश और प्रदेश के प्रत्येक क्षेत्र के लिए परिवाहन निगम की तरफ से बस से की सुविधा की गयी है जिसके चलते मथुरा , दिल्ली , लखनऊ , कानपुर,इलाहाबाद, बरेली सहित पूरे प्रदेश के लिए यहाँ से दर्जनो से अधिक बसे चलती है और परिवाहन निगम यहाँ से अच्छा राजस्व भी जुटाता है सिर विभाग की उदासीनता से इस मार्ग पर अधिकांशतः खटारा और और टूटी-फूटी शीशा विहीन तथा टायर-टियुब से कमजोर बसों को इस मार्ग पर भेजे है जिसके परिणामस्वरूप यह बसे अधिकांशतः दुधवा नेशनल पार्क के जंगली रास्ते में खड़ी हो जातीं हैं जिससे स्टाफ सहित तमाम यात्रियों को दिक्कत का सामना करना पड़था और बीच घने जंगलों में नीचे उतर कर धक्का देकर परिवाहन निगम को कोषते है।
कई सालाें से खटारा बसे अच्छा राजस्व उठाने के बाबजूद भी विभाग यात्रीयाें कि सुख सुविधा का काेई ध्यान नही दे रहा है! अधिकांश बसे धक्का परेट के साथ – साथ कटी फटी सीटे सरदी के माैसम में खिङकी के टूटें शीशे , शराबी चालक ,परिचालकाें से यात्री परेशान हाेकर अब पा्इवेट बसाें की अाेर रुख करने लगे है । विभागीय अधकारियाें कि अनदेखी के कारण चालक ,परिचालक नेपाली यात्रीयाें से लगेज भाङे के नाम पर मनमाना पैसा जंगल में बस खङी कर वसूल करते है कई वार ताे यात्रीयाें के साथ लगेज के पैसाे काे लेकर मार पीट तक अा जाती है ।