वाराणसी – अभी भी काफी भवन है जिसमे बेसमेंट में बनी है पूरी मार्किट – देखे अनदेखी तस्वीरे
वाराणसी. विकास प्राधिकरण के द्वारा दालमंडी में अवैध निर्मित भवनों अथवा निर्माणाधीन भवन के खिलाफ अभियान भले ही चल रहा हो मगर आज भी काफी ऐसे भवन है आसपास जो मुख्य सड़क से लगे है और उन वाणिज्यिक उपयोग के भवनों के नीचे एक और मार्किट फल फुल रही है. भले प्राधिकरण के द्वारा इसकी पड़ताल जारी होने के कारण उन बेसमेंट में बनी मार्किट के लोगो ने छुपाने की कोशिश कर रखी हो मगर मार्किट में आज भी साफ़ ऐसे भवनों को देखा जा सकता है.
दालमंडी में जहा ताज होटल के कटरे पर कार्यवाही हुई है वही सूत्रों की माने और उपलब्ध तस्वीरो को देखे तो उसके पास ही एक अन्य वाणिज्यिक भवन है जिसका द्वितीय तल पर निर्माण प्रगति पर है मगर प्राधिकरण में हुवे इस परिवर्तन की लहर के बाद काम रुक गया है. इस कटरे को सड़क से 4 फिट ऊपर बनवाया गया है और सड़क से सीढियों के द्वारा इसके अन्दर जाने की व्यवस्था है. सामने से देखने में कही से भी इस भवन में आपको बेसमेंट की मार्किट नहीं दिखेगी मगर ध्यान देने पर सामने से सड़क के तरफ लगे शतर के चौथे शटर के नीचे बेसमेंट का रोशनदान दिखाई दे जायेगा. भवन के पीछे के तरफ से बेसमेंट में जाने का रास्ता है जिसको सफ़ेद दरवाज़े से कवर किया गया है. यही नहीं इसको आज कुछ अन्दर से विशेष प्रकार से बंद करने का भी प्रयास किया गया है.
इसी तरफ इसी मार्किट में एक अन्य वाणिज्यिक भवन है जिसके मालिक का नाम प्रदीप सिंह बताया जाता है तस्वीरो में इसके बेसमेंट में बसी मार्किट को शटर के नीचे से देख सकते है. इसका दूसरा छोर भी पीछे सोना सिवई वाले के आवास के सामने है जिसको आप तस्वीरो में देख सकते है, बेसमेंट में बसी इस आलिशान मार्किट को अब छुपाने का प्रयास जारी है. प्रयास शायद सफल भी हो जाये क्योकि प्राधिकरण के कर्मी भी सवालिया निशाँन के घेरे में है.
प्राधिकरण के कर्मी और अधिकारी इस बात का जवाब नहीं दे पा रहे है कि इतनी इमारते किस प्रकार बन गई इस क्षेत्र में. आखिर कहा थे प्राधिकरण के कर्मी जिनको यह सब निर्माण नहीं दिखाई दिया, प्राधिकरण के अधिकारी तो इस बात का भी जवाब नहीं दे प् रहे है कि विश्वनाथ मंदिर के केवल लगभग 50 मीटर की दुरी पर मुख्य चौक सड़क पर बीबी रज़िया की मस्जिद के बगल में सुपर मार्किट नाम से एक मार्किट बनी और उसके भी बेसमेंट में दुकाने बनी और दुकाने खुल भी गई. आखिर किस नियम के तहत वह भवन आज तक कायम है और सबसे मुद्दे की बात यह है कि सूत्र बताते है कि इस भवन को बने हुवे अभी लगभग २ साल हुवे है. मुख्य सड़क से लगे इस भवन में बेसमेंट में दुकानों की अनुमति कहा से मिली. fhl के परिधि में आने वाले इस भवन का नक्शा आखिर कैसे पास हुआ और किस नियम के तहत पास हुआ. अगर नक्शा पास नहीं है तो फिर यह वाणिज्यिक भवन का निर्माण कैसे हुआ. क्या इसके ऊपर भी प्राधिकरण कोई कार्यवाही करेगा अथवा इसको क्लीन चिट दिया जायेगा यह क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है.
हम बतायेगे कल कैसे भूमाफिया हावी है दालमंडी नई सड़क क्षेत्र में. हम बतायेगे कल कि आखिर किस डर से हर बिल्डर भूमाफियाओ को देते है उनका हिस्सा. हम बतायेगे कल कि कैसे होता है अवैध निर्माण का कान्ट्रेक्ट जिसमे साफ़ लिखा जाता है कि विकास प्राधिकरण के समस्त विवाद को बिल्डर देख लेगा और मैनेज करेगा. हम बतायेगे बनारस में फलता फूलता टेबल के नीचे का यह गोरखधंधा. जल्द ही बतायेगे कि कौन है वह सपा नेता जिसने पार्किंग के लिये बने बेसमेंट में बसा दिया मार्किट. बने रहे हमारे साथ