यूपी बोर्ड की क्रमांकित कॉपियों पर लगी नकल माफिया की सेंध
कनिष्क गुप्ता.
इलाहाबाद। कॉपियां बदलने की चर्चा तेज एसटीएफ की कार्रवाई से बोर्ड प्रशासन सकते में है, क्योंकि यह दावा किया गया था कि क्रमांकित कॉपियों से इस पर विराम लगेगा लेकिन, नकल माफिया ने इंतजामों को तार-तार कर दिया है। परीक्षा शुरू होने के बाद प्रदेश के बलिया, कौशांबी, इलाहाबाद, गाजीपुर, देवरिया, गोंडा, प्रतापगढ़, अलीगढ़, आगरा, मथुरा, शाहजहांपुर, हाथरस आदि में भी इस तरह से कॉपियां बदलने की चर्चा तेज रही है। उनमें बलिया के दो केंद्रों का पर्दाफाश भी हुआ है लेकिन, अब भी अन्य जगहों पर ऐसा होने की सुगबुगाहट तेज है।
बोर्ड नियमों को दरकिनार किया
सूत्र बताते हैं कि यह खेल करने में बोर्ड के नियमों को दरकिनार किया जा रहा है। परीक्षा में निर्देश है कि इम्तिहान शुरू होने के आधे घंटे बाद हर केंद्र व्यवस्थापक परीक्षार्थियों की उपस्थिति वेबसाइट पर ऑनलाइन अपलोड करे। तमाम परीक्षा केंद्र इस निर्देश का पालन पहली पाली या पूरे दिन की परीक्षा खत्म होने के बाद कर रहे हैं। यही नहीं, अब भी कई ऐसे केंद्र हैं जहां की सूचनाएं नियमित रूप से अपडेट नहीं हो रही हैं। इसीलिए परीक्षा छोडऩे वालों की संख्या अब तक बढ़ रही है। देर से उपस्थिति की सूचना भेजने में नकल माफिया परीक्षा में न बैठने वालों की लिखी कॉपियां जमाकर उन्हें उपस्थित कर सकते हैं।
देर से उपस्थिति के नाम पर घोटाला
नकल माफिया पर अंकुश लगाने के लिए दो साल शासन ने मोबाइल एप शुरू कराया था, इसमें उपस्थिति तत्काल भेजने का निर्देश था, उसे भी नकल माफियाओं के इशारे पर परीक्षा शुरू होने के तीन दिन में ही फेल कर दिया गया था। उसके बाद से वेबसाइट पर सूचनाएं ली जाने लगी। 11 फरवरी को बोर्ड सचिव ने सभी जिलों से उपस्थिति की सूचनाएं तेजी से भेजने का निर्देश दिया है, क्योंकि सूचनाएं आने में अब भी विलंब हो रहा है। इस पर अंकुश लगे बिना कॉपियों की अदला-बदली रोकना मुश्किल होगा।