दरोगा बनना पड़ गया महंगा, खानी पड़ी जेल की हवा

समीर मिश्रा, आदिल अहमद

कानपुर बाबूपुरवा पुलिस के हत्थे चढ़ा फर्जी दरोगा. बुधवार को एक अजय सिंह नामक व्यक्ति ने बाबूपुरवा थाना अंतर्गत इनोवा कार से रत्नीश जायसवाल के साथ लूट की वारदात की थी. रत्नीश जायसवाल ने इनोवा का नम्बर बाबूपुरवा पुलिस को देकर मकुदमा दर्ज करवाया था पुलिस ने जब गाड़ी मालिक पंकज गुप्ता को गिरफ्तार किया तो पंकज गुप्ता ने पुलिस को जानकारी देते हुए बताया कि अजय उससे किराये पर इनोवा कार लेकर जाता है और अजय के ठिकानों का भी पता बताया जिसके बाद एस आई मुरलीधर पांडेय ने अपनी टीम के साथ छापेमारी कर जिला उन्नाव के शुक्लागंज गांधी नगर से अजय और उसके दो और साथी सरल कुमार अवस्थी निवासी शुक्लागंज, राजा पुत्र आर मोगेन्द निवासी भुसावल कलक्टरगंज को गरुवार की दोपहर में गिरफ्तार कर लिया.

पुलिस ने बताया है कि अजय सिंह पुत्र स्व.रंजीत सिंह 15/155 थाना हरीपर्वत आगरा का निवासी है जो एक शातिर टप्पेबाज है जो कि फर्जी दरोगा और इंस्पेक्टर बनकर लोगो से ठगी करता है जिसके पास से 1 प्रिंटर, 1 लैपटॉप, 1 इनोवा कार, 1 अपाचे बाइक, 5 मोबाईल फोन, 1 वायरलेस, 1 वर्दी 3 स्टार, 1 वर्दी 2 स्टार, 1 सब इंस्पेक्टर का पुलिस परिचय पत्र और मोबाइल फोन में वर्दी की कई सारी तस्वीरें भी बरामद हुई है. बाबूपुरवा पुलिस ने बताया कि आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर शुक्रवार को कोर्ट में पेश किया जायेगा.

जैसा कि आपको ज्ञातव्य हो लगभग एक साल पहले भी बाबूपुरवा थाना अंतर्गत झकरकटी बस अड्डे पर एक फर्जी पुलिस वाला पकड़ा गया था. अब बड़ा सवाल यह उठता है कि आखिर लुटेरों और बदमाशों को पुलिस की वर्दी मुहैय्या कहा से होती है? साहेब सवाल तो ये भी की इस तरह से तो कोई भी आतंकवादी या आराजतत्व वर्दी में आम नागरिकों को आसानी से हानि पहुंचा सकता है?  क्या वर्दी ऐसे ही सारे राह टप्पेबाजों और बदमाशो के लिये बिकती रहेंगी या फिर इसपर कोई करवाई होगी ?

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