सीएमओ ने चलाया चाबुक, दो महिला डॉक्टरों पर गाज
कनिष्क गुप्ता
इलाहाबाद : नए मुख्य चिकित्साधिकारी मेजर डा. जीएस वाजपेई ने सोमवार को पहली बैठक ली और सख्ती बरतते हुए कइयों के खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति कर दी।
बैठक के दौरान जननी सुरक्षा योजना की समीक्षा की गई तो फूलपुर में तैनात डॉ. वर्तिका अग्रवाल की रिपोर्ट शून्य पायी गई। सीएमओ ने इस पर नाराजगी जाहिर करते हुए तत्काल उनकी सेवा समाप्ति की संस्तुति का निर्देश दिया। वहीं हंडिया में तैनात लेडी मेडिकल आफिसर डॉ. नीलू मिश्रा की अनुपस्थिति पर पूछा तो पता चला कि वह बिना किसी सूचना के एक माह से अनुपस्थित चल रही हैं। सीएमओ ने कारण बताओ नोटिस जारी करने के लिए निर्देशित किया। सीएमओ ने बैठक में बुलाए गए एक-एक लोगों की हाजिरी ली, जो अनुपस्थित पाए गए, उन्हें बाहर का रास्ता दिखाने का निर्देश दिया।
मेजा ब्लाक के लेखा प्रबंधक को कार्य में शिथिलता के लिए उनकी सेवा समाप्ति का नोटिस देने व लेखा प्रबंधकों द्वारा मेजा में सप्ताह में तीन बार भुगतान प्रक्रिया में सहयोग करने का निर्देश दिया। वहीं कोटवा, धनुपुर, मेजा, करछना, शंकरगढ़, कौंधियारा, कोरांव व मांडा के अधीक्षक व कम्युनिटी प्रबंधकों को निर्देश दिया कि आशा बहुओं को सात दिन के अंदर अभियान चलाकर भुगतान किया जाए। सीएमओ के तेवर से स्वास्थ्य विभाग के लापरवाह अधिकारियों में खलबली मच गई है। बैठक में एसीएमओ डा. आशुतोष सिंह, डा. अनिल, डा. अशोक, डा. एसएम मीशम, डा. सत्येंद्र, विनोद कुमार आदि मौजूद रहे।