कन्यादान की बनायी नई मिसाल इस समाजसेवी ने

सरताज खान

गाज़ियाबाद. लोनी कहते हैं कन्यादान-महादान जिसकी लोनी में रहने वाले एक समाजसेवी ने एक ऐसी अनूठी मिसाल कायम की है जिसे कोई आसानी से भुला नहीं पाएगा। जिसने न कि गरीब कन्या के खर्चे का बोझ उठाया बल्कि स्वयं उसका बाप होने का फर्ज अदा करते हुए तबतक अपना उपवास नहीं खोला जबतक लड़की को डोली में नहीं बैठा दिया।

दरअसल इंद्रपुरी में रहने वाले गरीब ओमप्रकाश की तीन बेटियां और एक पुत्र है। पुत्र की शादी हो जाने के बाद वह अपने बूढ़े मां बाप को छोड़कर अलग रहने लगा था। जिसे अपनी बहनों की भी कोई फिक्र नहीं थी। मजदूरी करने वाले ओम प्रकाश ने किसी तरह अपनी बड़ी पुत्री की शादी कर दी थी तथा अपनी दूसरी पुत्री का रिश्ता लोनी में ही संगम विहार कॉलोनी में तय किया दिया था। बिना किसी दान-दहेज होने वाली उक्त शादी मैं बराती भी 25-30 आने तय हुए थे। मगर उनके खाने की व्यवस्था कर पाना भी ओमप्रकाश के बसकी बात नहीं थी। जो उसके खर्चे के लिए इधर-उधर घूमता हुआ लोगों से गुहार कर रहा था।

जिसकी जानकारी शादी से 2 दिन पूर्व ही मानव सेवा कल्याण अध्यक्ष धर्मेंद्र त्यागी को लगी तो वह भावुक हो उठे। जिन्होंने न की बारात के खाने का खर्च बल्कि उक्त दुल्हन (बेटी) के बाप की तरह आवश्यकता के लगभग तमाम दान-दहेज की व्यवस्था करते हुए उसकी शादी कराई। जहां उनकी माता ने भी दूल्हा-दुल्हन के सुखी जीवन के लिए उन्हें आशीर्वाद दिया। उक्त शादी की जानकारी पाकर क्षेत्र के अन्य और बहुत से संभ्रांत नागरिकों ने भी शादी में शरीक होकर अपनी सामर्थ्य अनुसार कन्यादान किया।  बता दें कि त्यागी जी समाज सेवा के ऐसे और बहुत से महान कार्य कर चुके हैं जिनकी क्षेत्रीय लोग सराहना करते नहीं थकते हैं।

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