हड़ताल खत्म हुई तो बैंक हुवे बंद
कनिष्क गुप्ता.
इलाहाबाद : ग्रामीण बैंकों में बीते तीन दिनों से चल रही हड़ताल तो बुधवार को खत्म हो गई, पर इससे उपभोक्ताओं की परेशानी दूर नहीं हुई। गुरुवार से बैंक दो अप्रैल तक के लिए बंद हो जाएंगे। यानी ग्रामीण बैंक में लगातार दस दिन की बंदी। ग्रामीण बैंक 24 अप्रैल से बंद चल रहे हैं। जानकारों की मानें तो हड़ताल के दौरान ही बीते तीन दिनों में करोड़ों का कार्य प्रभावित हुआ है। ग्रामीण बैंकों के निजीकरण के विरोध, बैंकिंग पेंशन समानता, अनुकंपा नियुक्तियों की सुविधा समेत सात सूत्रीय मांगों को लेकर चल रही बड़ौदा यूपी ग्रामीण बैंक की तीन दिवसीय हड़ताल के अंतिम दिन बुधवार को अधिकारी
और कर्मचारी ताशकंद मार्ग स्थित क्षेत्रीय कार्यालय के सामने इकट्ठा हुए। बड़ौदा यूपी ग्रामीण बैंक आफिसर्स एसोसिएशन के रिजनल अध्यक्ष राजेश कुमार द्विवेदी ने कहाकि तीन दिवसीय हड़ताल में पूरे देश में लगभग 26 करोड़ उपभोक्ता प्रभावित हुए। इसके बावजूद केंद्र सरकार आगे नहीं आई। इससे स्पष्ट होता कि उन्हें लोगों की कितनी चिंता है। उप्रग्रा बैंक आफिसर्स फेडरेशन के अध्यक्ष एसके सिंह ने कहाकि हड़ताल से पहले ग्रामीण बैंक का एक प्रतिनिधि मंडल वित्त मंत्री और गृहमंत्री से मिला था, लेकिन केंद्र सरकार ने कोई सकारात्मक जवाब नहीं दिया। इसलिए यूनियन को मजबूरी में हड़ताल करनी पड़ी। इससे करोड़ों का राजस्व प्रभावित हुआ है। डीएन त्रिपाठी, वीके मिश्र, केपी द्विवेदी आदि ने कर्मचारियों की मांगों को दोहराया। कहाकि अब अगले सप्ताह नई दिल्ली में राष्ट्रीय स्तर पर यूनियन के पदाधिकारियों की बैठक होगी। उसमें आगे की रणनीति तैयार की जाएगी। मांग पूरी होने तक लड़ाई जारी रहेगी। प्रदर्शन के दौरान आनंद अग्रवाल, पल्लव बनर्जी, नीरज कुमार, आशीष राय, अनुपम ओझा, रमेश सिंह, अनिल, गिरीश श्रीवास्तव, वीके मालवीय आदि मौजूद रहे।
तीन अप्रैल को खुलेंगे बैंक
29 मार्च को महावीर जयंती, 30 को गुड फ्राइडे, 31 मार्च को हजरत अली, एक अप्रैल को रविवार और दो अप्रैल को लेखाबंदी होने के कारण अब तीन अप्रैल को बैंक खुलेंगे। 30 और 31 मार्च को सरकारी कार्यालय के लेन-देन के लिए चुनिंदा शाखाएं खुलेंगी। सामान्य बैंकिग तीन मार्च को ही होगी। सभी बैंकों में तो पांच दिन की बंदी रहेगी, लेकिन ग्रामीण बैंक में कुल 10 दिन की बंदी हो जाएगी।