अर्ध विक्षिप्तावस्था में 15 माह बाद मिली रीता चौरसिया, मुम्बई में बिस्कुट खरीदने दामाद की दुकान पर पहुंची थी

उमेश गुप्ता.

बिल्थरारोड (बलिया)। दुनिया मे सबकुछ परमात्मा कृपा पर ही होता है किन्तु वह प्रत्यक्ष कुछ भी दिखलाई नही पड़ता। और यह भी सच है कि जिंदगी में जब तक उसकी मर्जी न हो किसी का कुछ भी विगड़ नही सकता। कुछ ऐसा ही यहां हुआ है और स्थानीय नगर की वार्ड नम्बर 12 में पुरानी गली बैंक ऑफ बड़ौदा गली की निवासिनी अर्धविक्षिप्त महिला श्रीमती रीता देवी (50) वर्ष 15 माह बाद मुम्बई में अपने दामाद रविन्दर चौरसिया के यहाँ पागल की वेष में जिदगी और मौत से जूझती जब वह अचानक विसकुट खरीदने पहुंच गई। दामाद रविन्दर चौरसिया की नजर जब रीता देवी के चेहरे पर पड़ी तो दामाद बाबू तो सास की शारीरिक दशा देख कुछ समय तक तो अवाक हो गए। फिर क्या हुआ सास का सही परीक्षण के बाद दामाद बाबू उन्हें अपने घर मे ससम्मान वैठाया, और सास के मिल जाने की सूचना बिल्थरारोड अपने ससुराल में दी तो मानो घर होली दीपावली जैसा जश्न हो गया।

अर्धविक्षिप्त रीता देवी के देवर दिनेश चौरसिया की माने तो उनकी ओर से वर्ष 2017 की 31 जनवरी को उभांव थाने में अपनी अर्धविक्षिप्त भाभी रीता देवी के गायब हो जाने की गुमशुदगी की एक तहरीर दर्ज कराई थी। इसके अलावे रीता देवी की खोज में काफी पैसे भी खर्च करके हारथक कर अब उनके जिन्दा रहने की उम्मीद छोड़ चुके थे। लेकिन 15 माह बाद 20 मार्च 2018 का एक दिन ऐसा दिन आया कि विन बुलाये वे उसी हालत में मिल गयीं। यहां अब ईश कृपा स्पष्ट रूप से सावित हुई और अर्धविक्षिप्तावस्था में रीता देवी 15 माह बाद अपने परिजनों में दोबारा आ ही गयी, जो परिजनों के लाख खोजने पर भी नही मिली थी।

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