एनआरएलएम बैठक में अनुपस्थित रहने पर अग्रिणी जिला प्रबंधक एवं खण्ड विकास अधिकारी, किरतपुर को कारण बताओ नोटिस

अज़ीम कुरैशी.

बिजनौर 24 मार्च,2018ः- जिलाधिकारी अटल कुमार राॅय ने एनआरएलएम बैठक में सूचना के बावजूद अनुपस्थित रहने पर मुख्य विकास अधिकारी को अग्रिणी जिला प्रबंधक एवं खण्ड विकास अधिकारी, किरतपुर को कारण बताओ नोटिस जारी करने तथा राज्य पोषण मिशन में एक भी अति कुपोषित बच्चे को एनआरसी न भेजे जाने पर कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए उन्हंे चेतावनी करने तथा कार्य में सुधार न लाने पर चरित्र पंजिका में प्रतिकूल प्रविष्टि एवं वार्षिक वेतन वृद्वि रोकने के निर्देश उपायुक्त एनआरएलएम को दिए। उन्होंने बेसिक शिक्षा अधिकारी को निर्देश दिये कि जिले के प्रत्येक विद्यालय में स्वच्छता सुनिश्चित करने के लिए स्कूलों में बने शौचालयों की नियमित सफाई फिनाइल या हार्पिक से कराना सुनिश्चित करें तथा शौच के बाद बच्चों को हाथ धोने तथा उनमें स्वच्छता के प्रति जागरूकता उत्पन्न करने के लिए प्रत्येक कक्षा में एक छात्र एवं छात्रा को स्वच्छता से संबंधित आवश्यक प्रशिक्षण उपलब्ध कराकर को माॅनीटर बनाए ताकि कक्षा के बच्चों को स्वच्छता के प्रति पे्ररित कर सकें।
जिलाधिकारी श्री राॅय कल रात देर रात्रि अपने कैम्प कार्यालय में ओडीएफ, एनआरएलएम, राज्य कुपोषण मिशन सहित अन्य बैठकों की अध्यक्षता करते हुए उपस्थित अधिकारियों को निर्देशित कर रहे थे।  उन्होनंे मुख्य विकास अधिकारी को निर्देश दिये कि पल्स पोलियो कार्यक्रम की तर्ज पर शौचालय का मानकानुरूप प्रयोग करने वाले परिवारों का सर्वे करायें और शौचालय प्रयोग करने वाले घरों पर निशान लगायें ताकि शौचालयों का मानक के अनुरूप प्रयोग न करने वाले परिवारों का चिन्हिकरण हो सके, और ऐसे परिवारों पर विशेष रूप से ध्यान केन्द्रित कर स्वच्छता के प्रति उनके व्यवहार में अपेक्षित परिवर्तन लाने के लिए प्रयास सुनियोजित प्रयास किये जा सकें। उन्होनें यह भी निर्देश दिए कि जिले में माहवारी स्वच्छता प्रबंधन के तहत कम लागत क सैनिटरी नैपकिन के उत्पादन के लिए अच्छी क्वालिटि की मशीनें खरीद का उद्योग स्थापित कराना सुनिश्चित करें तथा उनकी मार्किटिंग के लिए अन्तर्विभागीय समन्वय स्थापित करते हुए महिला कल्याण विभाग, स्वयं सहायता समूहों, राष्ट्रीय आजीविका मिशन एवं महिला सामाख्या की महिलाओं का सहयोग प्राप्त करें, ताकि उनके सहयोग से उत्पादन की सही मूल्य के साथ खपत की जा सके। उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) योजना के तहत ब्लाॅक स्वच्छता परियोजना प्रबन्ध इकाईयांे के बैंक खातों में हस्तान्तरित की धनराशि का जिन इकाईयों द्वारा अभी तक आॅडिट नहीं कराया गया है तथा उनके द्वारा उपभोग प्रमाण पत्र भी उपलब्ध नहीं कराया गया है, ऐसी किसी भी इकाई को आॅडिट एवं यू0सी0 उपलब्ध कराने से पूर्व उक्त मद में धनराशि का प्रेषण न किया जाए। इसके अलावा उन्होनंे यह भी निर्देश दिए कि स्वच्छता के क्षेत्र में जिस स्तर पर भी अच्छा कार्य  किया जाए उन्हंे सार्वजनिक तौर पर निश्चित रूप से पुरूस्कृत भी किया जाए। उन्होनंे निर्देश देते हुए कहा कि भट्टा, के्रशर, कोल्हू सहित अन्य दूरस्थ क्षेत्रों में स्थपित इकाईयांे में शौचालय का निर्माण सुनिश्चित कराते हुए उन्हें नियमानुसार प्रयोग के लिए भी निर्देशित किया जाना सुनिश्चित करें ताकि जिले की ओडीएफ श्रेणी को मजबूती प्राप्त हो सके।
जिलाधिकारी श्री राॅय द्वारा उपायुक्त एनआरएलएम को निर्देश दिये कि जिन ब्लाॅकों में समूहों का शत प्रतिशत गठन किया जा चुका है, उन्हें रिवाल्विंग फण्ड उपलब्ध करायें और अन्य ब्लाॅकों में भी जो समूह गठित हो चुके हैं, उन्हंे भी रिवाल्विंग फण्ड रिलीज़ करें ताकि वे अपने कार्याे का संचालन शुरू कर सकें। बैंकों द्वारा समहांे के खातों मे धनराशि हस्तानान्तरण में आने वाली परेशानी के संज्ञान में आने तथा अनुपस्थित रहने तथा खण्ड विकास अधिकारी किरतपुर द्वारा बैठक में प्रतिभाग न किये जाने पर कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए उन्होंने मुख्य विकास अधिकारी को दोनों अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिये। उन्होंने खण्ड विकास अधिकारियों को निर्देश दिये कि जिन ब्लाॅकों मे अभी तक लक्ष्य के अनुरूप समूहों का गठन नहीं किया जा सका है, वे मार्च के अंत तक अपनी लक्ष्य को शत प्रतिशत पूरा करना सुनिश्चित करें।
राज्य पोषण मिशन की अध्यक्षता करते हुए समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी अटल कुमार राॅय के संज्ञान में आया कि कुपोषित बच्चों के उचित उपचार के लिए उन्हें जिला अस्पताल स्थित एन0आर0सी0 में भर्ती हेतु सीडीपीओ द्वारा इस महत्वपूर्ण कार्य में अपेक्षित सहयोग नहीं किया जा रहा है, जिस पर नाराजगी व्यक्त करते हुए उन्होंने जिला कार्यक्रम अधिकारी को निर्देश दिए कि जिन सीडीपीओ द्वारा एक भी कुपोषित बच्चा एनआरसी में भर्ती के लिए नहीं भेजा गया है, उन्हें चेतावनी जारी करें और भविष्य में यदि उनकी कार्यप्रणाली में अपेक्षित सुधार न आए तो उनकी चरित्र पंजिका मे प्रतिकूल प्रविष्टि दर्ज करते हुए उनके वार्षिक वेतन वृद्वि पर रोक लगाई जाए। उन्होनंे राज्य पोषण मिशन के तहत गोद लिए गांव के अधिकारियों को निर्देश दिये कि उनके द्वारा जो भी रिपोर्ट पे्रषित की जाए वह वास्तविकता पर आधारित होनी चाहिए, गलत पाए जाने पर उनके विरूद्व कार्यवाही की जाएगी। एनआरसी से कुपोषित बच्चों को वापस किए जाने की सूचना को गम्भीरता से लेते हुए उन्होनें प्रभारी अधिकारी एनआरसी को निर्देश दिए कि बिना उचित कारण के भर्ताी के लिए आने वाला एक भी बच्चा वापस नहीं होना चाहिए तथा वापस किये जाने के कारण की सूचना मुख्य चिकित्साधिकारी एवं जिला कार्यक्रम अधिकारी को भी निश्चित रूप से उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया जाए।
इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी डा0 इन्द्रमणि त्रिपाठी, मुख्य चिकित्साधिकारी डा0 राकेश मित्तल सहित सभी संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद थे।

 

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