पैमाइश आदेश का मामला खारिज करने को लेकर भड़के अधिवक्ता

उमेश गुप्ता

बिल्थरारोड। पैमाइश आदेश के करीब 15 साल पुराने मामले को एसडीएम कोर्ट द्वारा जल्दबाजी में खारिज किए जाने एवं कोर्ट अहलमद द्वारा एक सप्ताह तक निर्णय की फाइल अधिवक्ता से छिपाएं जाने को लेकर सोमवार को एसडीएम कोर्ट में जमकर हंगामा हुआ। अधिवक्ताओं के हंगामे व विरोध को देखते हुए एसडीएम सुशीललाल श्रीवास्तव ने आनन-फानन में अपने विवादित आदेश को रिस्टोर भी कर दिया किंतु करीब एक घंटे तक हुए हंगामे के कारण कोर्ट की गरीमा जमकर तार-तार हुई।

       बवाल के दौरान कोर्ट में अन्य वाद के लिए मौजूद वादकारी अवाक हो गए। अधिवक्ता देवेंद्र गुप्ता ने बताया कि सीयर बीबीपुर के गीता देवी बनाम रामसनेही संबंधित पैमाइश के मामले में 21 मार्च 2003 को ही पैमाइश हेतु आदेश पारित है। बावजूद अब तक पैमाइश नहीं हो सका। जिसे लेकर एसडीएम कोर्ट में गीता देवी बनाम रामसनेही यादव के मामले में अराजी नं. 74 के पैमाइश का मामला लंबित है। गत 19 मार्च को कोर्ट में तारीख थी किंतु किंही कारणों से उक्त तिथि को कोर्ट नहीं चला और एक पक्ष को लाभ देने के लिए मामले में 21 मई का लम्बी तारीख डाल दिया गया। इस बीच गड़बड़ी की आशंका पर वे उक्त मामले की फाइल कई दिनों से एसडीएम कोर्ट के पेशकार से मांग रहे थे किंतु टालमटोल किया जा रहा था। सोमवार को जब मामले को एसडीएम द्वारा 19 मार्च को ही चुपके से खारिज कर दिए जाने की जानकारी हुई तो न्यायालय के रवैये पर अधिवक्ताओं में आक्रोश व्याप्त हो गया। देवंेद्र गुप्ता संग अन्य अधिवक्ताओं ने मामले में एसडीएम द्वारा बैकडोर से एक पक्ष को लाभ देने हेतु गलत निर्णय लेने एवं आदेश की पत्रावली संबंधित अहलमद द्वारा पक्षकार से छिपाने का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया।

     अधिवक्ता देवेंद्र गुप्ता ने संबंधित वाद के तारीख से पूर्व ही एसडीएम कोर्ट द्वारा गलत तरीके से निर्णय लेने को न्यायालय के गरीमा के विपरित बताया। कहा कि खारिज करने से पूर्व न तो उन्हें किसी तरह की नोटिस मिली और न ही आदेश की प्रतिलिपि। जो कत्तई न्यायसंगत नहीं है। अधिवक्ताओं के विरोध को देखते हुए एसडीएम ने तत्काल अपने विवादित आदेश को वापस ले लिया। इधर अधिवक्ताओं ने मामले को गंभीरता से लेते हुए एसडीएम कोर्ट का बहिष्कार कर दिया।

      एसडीएम सुशीललाल श्रीवास्तव ने कहा कि पैमाइश के मामले में राजस्व कर्मचारी के रिपोर्ट के आधार पर भू अभिलेख एवं रिकार्ड एवं मौके पर मौजूद रकबा में अंतर होने के कारण पैमाइश की अपील को निरस्त कर दिया गया था। जिसे अधिवक्ताओं के अपील पर फिर से रिस्टोर कर दिया गया है। जिसकी पुनः जांच होगी। एसडीएम ने स्पष्ट कहा कि पैमाइश के वाद को निरस्त करना कतई गलत नहीं था और न ही अधिवक्ताओं के दबाव में आदेश को रिस्टोर किया गया है। जनहित में सुनवाई को जारी रखने की गुंजाइश को सही मानते हुए मामले की सुनवाई अब अगली तारीख पर होगी। श्री श्रीवास्तव ने अधिवक्ताओं द्वारा किसी तरह के दुव्यर्वहार किए जाने से भी सीधे इंकार किया।

एसडीएम कोर्ट के बहिष्कार हेतु अधिवक्ताओं ने की अपील

बिल्थरारोड। एसडीएम कोर्ट द्वारा गलत निर्णय पर भिड़े अधिवक्ता देवेंद्र गुप्ता, संजीत गुप्ता आदि ने एसडीएम पर अधिवक्ताओं संग अभद्रता करने एवं विवादित व गलत निर्णय से न्यायालय के गरिमा को प्रभावित करने के मामले में एसडीएम कोर्ट के बहिष्कार करने की एल्डर्स कमेटी से कार्रवाई की गुहार लगाई है।

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