कानपुर – अदालत का आदेश ताख पर, बैंड बाजे के साथ पुलिस के सामने एक बजे रात को निकली बारात
कानपुर. अदालत के निर्देश के बाद शासन का साफ़ साफ़ दिशा निर्देश है कि रात के दस बजे से लेकर सुबह 6 बजे तक किसी भी स्थिति में ध्वनि विस्तारक यन्त्र का उपयोग नहीं हो सकता है. इस निर्देश का पालन करने का सभी जिले के अधिकारियो को आदेश प्रेषित है और इसका पालन लगातार हो भी रहा है मगर थाना चमनगंज शायद इस आदेश से परे खुद को समझता है तभी तो रात के एक बजे धूम धड़ाके के साथ गाजे बाजे के साथ मय डीजे तेज़ आवाज़ से बजाते हुवे, अतिशबाज़ी करते हुवे हलीम कालेज चौराहे से होकर रूपम सिनेमा वाली सड़क तक हो हल्ला करते हुवे चले जा रहे थे और मौके पर पहुचे एसआई चमनगंज परवेज़ अहमद कही न कही से मौन समर्थन रहा.
घटना रात एक बजे के करीब की है, एक बारात रात एक बजे हलीम कालेज चौराहे से रूपम सिनेमा रोड की तरफ बढ़ी, तेज़ आवाज़ में दो जेनेरेटर के साथ कानफाडू डीजे के साथ कानो को चुभते ढोल और ताशे भी थे. नशे में झूमते युवक अपनी डांस की कला को रात एक बजे सड़क पर लडखडाते हुवे प्रदर्शित करने में व्यस्त थे. हलीम कालेज चौराहे से मनामा अस्पताल तक यह बरात आधे घंटे में पहुची अस्पताल के गेट पर खूब हो हुल्लड़ हो रही थी. इस बीच किसी ने पुलिस को सुचना दिया. सुचना पर एसआई परवेज़ अहमद अपने दल बल पहुचे साथ ही डायल 100 के पीआर्वी वैन 0427 मौके पर पहुची, पीआर्वी जवानो ने मौके पर चमनगंज थाने की जीप देखी तो वह भी शांत खड़े थे, एसआई खुद जीप से नहीं उतरे बल्कि अपने साथ के पुलिस कर्मियों को मौके पर भेजा. इस दौरान सड़क पर अच्छी खासी भीड़ इकठ्ठा हो चुकी थी, पुलिस कर्मी मौके पर पहुचे और डीजे बंद करने को युवको को कहा. दो मिनट को डीजे बंद भी हुआ फिर वापस पुलिस वालो के सामने ही दुबारा डीजे ज़ोरदार आवाज़ में बजने लगा. सूत्रों की माने तो मौके पर पहुचे सिपाहियों को बारातियों ने मैनेज कर लिया.
अब यहाँ बात जो समझ के बाहर है वह यह है कि इतनी देर रात इस बारात को अनुमति कैसे मिल गई, और अगर अनुमति नहीं मिली थी जो कि स्वाभाविक था तो फिर स्थानीय चमनगंज थाने से आये पुलिस कर्मियों ने आखिर कोई कार्यवाही क्यों नहीं किया. आखिर कौन सी ऐसी सहानुभूति थी एसआई परवेज़ अहमद की कि नियमो की धज्जिया उड़ाते हुवे जाने वाली इस बारात के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं किया ?. आखिर क्यों इस डीजे पार्टी के ऊपर कार्यवाही नहीं हुई ? आखिर क्यों नहीं इस बारात में बजने वाले डीजे और बैंड को पुलिस ने बंद करवाया ? इन सवालो के जवाब तो सिर्फ चमनगंज पुलिस ही दे सकती है मगर क्षेत्र में चर्चाओ के अनुसार बारात एसआई परवेज़ अहमद के किसी परिचित की थी. अगर इन चर्चाओ में तनिक भी सत्यता है तो एसआई परवेज़ अहमद को आखिर किसने इतना पॉवर दे दिया जो वह इस प्रकार की बारातो को ऐसे नियमो की धज्जिया उड़ाते हुवे जाने देते है