नेपाली मीडिया का बड़ा आरोप, भारत सीमा पर हुआ था सरकारी अपहरण,
फारूख हुसैन /शिशिर शुक्ला
लखीमपुर खीरी// गाैरीफंटा. नेपाल के एक अख़बार की कटिंग सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है जिसमे दावा किया जा रहा है कि भारत के कुछ एसटीऍफ़ कर्मियों ने भारत नेपाल सीमा पर स्थित तिकुनिया से एक नेपाली नागरिक का अपहरण कर उसको छाेङने के एवज में परिवारिक सदस्यो से अाठ लाख रुपया फिराैती के ताैर पर लिये लिये है। इस अख़बार ने दावा करते हुवे कहा है कि भारतीय एसटीऍफ़ ने पैसे लेकर नेपाली नागरिक को छोड़ा है.
सीमा पार नेपाल से एक अखबार के माध्यम से आरोप लगा है कि पाेखरा नेपाल से अाये कुतबुददीन मिंया 63 वर्ष कैलाली के टीकापुर लेखनाथ महानगर पालिका वार्ड नम्बर 4 चिपलेठुगा निवासी अपने घर अाया हुआ था जिसके चलते वह भारत मे काम के सिलसिले में 21 फरवरी काे तिकुनिया बाजार घूमने अाया जहाँ दाे भारतीय नागिरकाे से हुये मेल मिलाप के बाद गाेपनीय ठंग से एस टी एफ के सिपाही जाँच के बहाने उसे काेतवाली तिकुनिया ले गये । जहां उसे बेवजह परेशान किया जाने लगा था मजे की बात तो यह हुई कि रात मे लखीमपुर ले जाने के बाद एस टी एफ ने उसे छाेड़ने के एवज में 12 लाख रुपयों की परिवारिक सदस्याें से मांग कर डाली थी अाैर उसके बार सारा रूपया भारत नेपाल सीमा गाैरीफंटा पर मंगवाया था ।
अख़बार ने अपने सूत्रों का हवाला देते हुवे कहा है कि वहां हुई बात चीत के बाद अपहरण कर्ता का पुत्र , बेटी अाैर दमाद राजुद ङे 8 लाख नेपाली रुपया लेकर भारत नेपाल सीमा के गाैरीफंटा पर अा रहा था , तभी एस एस बी ने चेक जाँच के द्वारा भारी मात्रा में नेपाली कैरेन्सी को देख कर उससे कई घंटाे तक पूछ ताछ करते रहे । सीमा पर रुपया बरामद हाेने कि चर्चा के बाद एस एस बी ने काेतवाली गाैरीफंटा से सम्पर्क किया जिसके बाद चाैकी इंचार्ज छाेटे लाल भी पूछताछ के लिए एस एस बी कि आउट पाेस्ट चाैकी पर गये ।
चर्चा हाे जाने पर तिर्रनगर चाैकी इंचार्ज जीवन गुरंग काे बुला कर पकङे गये व्यक्ति व 8 लाख रुपया वापस कर नेपाल भेज दिया गया । पैसा वापस हाे जाने के बाद एस टी एफ भी वापस लाैट गई थी दूसरे दिन रविवार काे फिर गुप चुप ढंग से 8 लाख रुपया मिल जाने के वाद अपहरणकर्ता काे मुक्त किये जाने कि खबर एक नेपाली अखबार में प्रमुखता के साथ घटना का पर्दाफास किये जाने से सीमा पर हड़कम्प की स्थति बन गयी है। बताया जा रहा है कि कुतबुदीन मिंया अपनी बेची गई जमीन का पैसा लेने के लिए टीकापुर कैलाली अाया था ।