एक सौ पांच साल पुरानी मंडी का असतित्व हुआ खत्म, गौरीफंटा मंडी पर प्रशासन की गरजी जेसीबी

फारुख हुसैन.

लखीमपुर खीरी // गौरीफंटा. भारत नेपाल सीमा पर बरसो पुरानी बसी गौरी फंटा मंडी पर आखिरकार प्रशासन की जे सी बी गरज ही उठी जिसके चलते पूरी मंडी में अफरा तफरी मची रही और व्यापारी प्रशासन की कड़ी कार्यवाही के चलते अपने आप ही अपना अपना सामान लेकर वहां से जाने लगे ।इस मौके पर व्यापारियों मे अक्रोश भी देखने को मिला और महिला व्यापारियों मे भी अधिकारियो के प्रति खासा आक्रोश रहा, इसी कारण मौके पर आला अधिकारी पी ए सी के जवान और कई थानो की पुलिस फोर्स भी मौजूद रही ।

उल्लखेनीय है कि भारत नेपाल सीमा गौरीफंटा पर वन विभाग की जमीन पर  एक सौ पांच साल पुरानी मंडी बसाई गयी थी जहां पहले गिने चुने  फड़ (दुकाने) ही देखने को मिलते थे परंतु धीरे धीरे मंडी ने अपना आकार बढाया और फिर वहां व्यापारियों ने अपने बढ़ते व्यापार के चलते उस छोटी सी मंडी को एक बड़ी मंडी का आकार दे दिया और देखा जाये तो वहां करोणों के बिजनेश होता था वह भी नेपाली ग्राहको से क्योकि गौरीफंटा मंडी सीमा के नजदीक थी और पलिया मंडी काफी दूरी पर थी  जिसके  कारण नेपाल के लोग गौरीफंटा मंडी मे ही अपनी खरीदारी करते थे जिससे उनका पैसा और समय दोनो की बचत हो जाती थी  और देखा जाये तो नेपाल के लोगो के लिये  भारतीय वस्तुए उनकी प्राथमिकता थे परंतु गौरीफंटा मंडी हटने से अब उनको समस्या हो सकती है पर सीमा पर बसी बनगंवा मंडी मे अब उनका रूख हो जायेगा ।

परंतु इसमे एक सोचनीय विषय यह भी बन चुका था कि गौरीफंटा मंडी के होने से सीमा पर मंडी की आड़ मे तस्करी का व्यापार भी जोरो पर था और वहां रोज ही लाखो करोणों रूपये की तस्करी होती थी। इन्ही हो रही गतिविधियों के चलते बीते वर्षो से वन विभाग ने मंडी खाली करवाने के लिये व्यापारियों को नोटिस भिजवाया गया था परंतु फिर भी व्यापारियों ने मंडी खाली करने के लिये हामी नही भरी थी और उसके बाद वन विभाग और मंडी के व्यापारियों लगातार जद्दोजहद देखने को मिली रही थी परंतु काफी कोशिशो के बाद भी मंडी खाली नही हो पायी।

परंतु इधर वन विभाग ने पूरी तरह से  सख्ती दिखाते हुए मंडी के व्यापारियों को मंडी उजाड़ने का नोटिस जारी कर दिया जिसकी आखिरी तारिख सात मार्च दी गयी थी परंतु हर बार की तरह व्यापारी इसे गीदड़ भभकी मानकर हाथ पर हाथ धरे बैठे ही रहे ।

परंतु इस बार वन विभाग ने कड़ी सख्ती दिखाते हुए

प्रशासन की मदद लेकर कार्यवाही शुरू कर दी और बीते आठ तारीख की सुबह से ही मंडी खाली करवाने के लिये पलिया उपजिलाधिकारी इद्रकान्त द्विवदी क्षेत्राधिकारी प्रदीप कुमार यादव कोतवाल पलिया विपिन कुमार सिंह कोतवाल गौरीफंटा दिनेश मिश्रा सहित भारी पुलिस फोर्स बल पीएससी मंडी पहुंच गयी जिन्हे देखकर मंडी के व्यापारी अपना अपना सामान लेकर वहां से जाने लगे और कुछ व्यापारी अपनी अपनी दुकानो पर ताला डालकर वहां से चले गये ।यह सब देखकर प्रशासन ने बीते दिन दोपहर तक तो अपनी कार्यवाही मे कोई तेजी नही दिखाई परंतु उसके बाद वहां बनी दुकानो पर जेसीबी के द्वारा उन्हे हटाया जाने लगा यह देखकर सभी दुकानदार जल्दी जल्दी अपनी अपनी गाडियां मंगवाकर अपना सामान वहां से हटाकर ले जाने लगे ।

कार्य के दौरान किसी तरह की कोई आपत्ति जनक घटना न होने पाये इसके लिये वहां के लगभग दो दर्जन व्यापारियों को गौरीफंटा कोतवाली में नजर बंद रखा गया जिनको एक करके उनका सामान उनकी गाडियों मे भरकर वहां से भेज दिया गया ।इस दौरान वहां काफी ज्यादा गहमागहमी का माहौल लगातार देखने को मिला इसके साथ ही प्रशासन ने मंडी की बिजली की लाइन भी पहले ही कटवा दी थी ।

बीते दिन ब्रहस्पति वार को रात होने के कारण कार्यवाही को रोक दिया गया था और जिन दुकानदारो ने इतनी चेतावनी देने के बाद भी सामान नही हटवाया था उन्हे शुक्रवार को जेसीबी के द्वारा उसे बरबाद कर दिया गया और शाम तक मंडी को पूरी तरह से साफ कर दिया गया ।कार्यवाही के दौरान व्यापारियों के साथ साथ महिलाओं मे भी काफी आक्रोश देखने को मिला और उन्होने अधिकारियों से काफी बातचीत भी की परंतु अधिकारियों ने उन्हे समझा दिया कि यह ऊपर से आदेश है इसमे कुछ नही हो सकता ।

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