स्क्रैप में बार-बार लगने वाली आग के प्रदूषण से क्षेत्रवासी बेहाल

सरताज खान
गाजियाबाद / लोनी ट्रोनिका सिटी थाना क्षेत्र की आवास-विकास क्षेत्र के निकट 3 दिन पूर्व कूड़े के गोदाम में लगी आग के कारण वहां चारों ओर फैले प्रदूषण के गगनचुंबी अंबार की घटना का मामला अभी शांत भी नहीं हो पाया था कि शुक्रवार की शाम एक रबड़ के गोदाम में लगी आग के कारण क्षेत्रवासियों को सांस लेना भी मुश्किल हो गया। जिनका आरोप है कि क्षेत्र में अवैध रूप से हो रहे रबड़ प्लास्टिक व अन्य स्क्रैप के धंधे के चलते वहां आए दिन किसी न किसी गोदाम में आग लगती रहती है। नतीजन वहां फैलने वाले दूषित प्रदूषण के चलते आस-पास के लोगों का रहना दूभर हो गया है। उक्त मामले में क्षेत्रवासियों से हुई बातचीत के दौरान उनकी टीस कुछ इस प्रकार थी।

डॉ ऐ के पंडित का कहना है कि यह सब पुलिस- प्रशासन की ढिलाई का ही नतीजा है कि ट्रोनिका सिटी थाने के आवास- विकास क्षेत्र में बिना किसी लाइसेंस व निर्देशों के बहुत से लोगों ने गैर कानूनी रूप से विभिन्न स्क्रैप का कारोबार संचालित कर रखा है। जिनके पास सुरक्षा की दृष्टि से भी कोई संसाधन नहीं है। जिनकी लापरवाही के चलते वहा आए दिन आग लगती रहती है और वहां से निकलने वाला जहरीला धुआं हवा में मिलकर क्षेत्रवासियों के लिए मुसीबत खड़ी कर देता है।

पंचलोक निवासी ओंकार त्यागी के अनुसार आवास- विकास क्षेत्र में रबड़, प्लास्टिक व अन्य स्क्रैप आदि का कारोबार करने वाले लोगों पर पुलिस- प्रशासन की कोई लगाम नहीं होने का ही नतीजा है कि यहां यह कारोबार दिन-प्रतिदिन फलता-फूलता जा रहा है। जो किसी भी तरह के मानकों पर भी खरे नहीं उतरते हैं। संबंधित विभागीय अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर भी बड़ा अफसोस है कि वह न जाने वहां उक्त गैरकानूनी धंधे पर रोक क्यों नहीं लगा पा रहे हैं। जबकि यहां कई बार आगजनी की घटनाएं हो चुकी हैं।

मोहम्मद अनीस का कहना था कि अगर बात पहले कि छोड़ दें तो 3 दिन पूर्व भी या कूड़े के गोदाम में लगी आग के कारण पूरा क्षेत्र प्रदूषित धूए के अंधकार में समा गया था। जिसके विकराल रुप को देख सूचना के बाद पुलिस व दमकल वहा पहुंची थी। जिन्होंने कई घंटे मशक्कत के बाद किसी तरह उसपर काबू पाया था। जहां से निकलने वाले प्रदूषण से क्षेत्रवासी आजतक भी राहत की सांस नहीं ले पा रहे थे एक बार फिर इस प्रकार की घटना की पुनरावृत्ति हो गई। यह बार-बार होने वाली ऐसी घटनाओं का ही नतीजा है कि आस-पास गांव व कॉलोनी के लोग विभिन्न प्रकार की बीमारियों के शिकार होते जा रहे हैं।

राजेन्द्र बाल्मिकी के अनुसार अवैध रूप से हो रहे उक्त कारोबार के चलते वहां अनेक बार आग लगने की घटनाएं हो चुकी हैं। मगर इसके बावजूद भी संबंधित विभाग ने उक्त कारोबार पर कोई रोक लगाना मुनासिब नहीं समझा है। जिसे देख लगता है कि वह किसी बड़ी घटना के घटित होने के इंतजार में है जो अनेक बार शिकायत करने के बाद भी इस ओर से आंखें मूंदे बैठे हैं।

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