विश्व महिला दिवस पर लखनऊ-प्रयाग इंटरसिटी लेकर चली महिला लोको पायलट
इलाहाबाद । विश्व महिला दिवस पर रेलवे प्रशासन ने ऐतिहासिक पहल की। इसी पहल पर लखनऊ टू प्रयाग इंटरसिटी (14210) एक्सप्रेस को महिला सहायक लोको पायलट ममता यादव लेकर प्रयाग स्टेशन पहुंचीं तो उनका रेलवे स्टाफ ने गर्मजोशी से स्वागत किया। स्टेशन अधीक्षक प्रयाग पीके मणि त्रिपाठी ने कहा कि रेलवे का यह साहसिक कदम है। मंडल रेल प्रबंधक ने यात्री ट्रेन में महिला लोको पायलट रखने का निर्णय लिया है, जो नारी सशक्तीकरण की दिशा में बड़ा कदम है।
सभी रनिंग स्टॉफ का स्वागत
इंटरसिटी में सभी रनिंग स्टॉफ (टीटीई) और सहायक लोको पायलट के महिला होने की सूचना स्टेशन अधीक्षक पीके मणि त्रिपाठी को सुबह लखनऊ मंडल से दी गई थी, इसलिए ट्रेन के आने का इंतजार स्टेशन स्टॉफ भी कर रहा था। ट्रेन के यहां पहुंचने का समय 11.30 बजे है लेकिन फाफामऊ में उसे रोक दिए जाने से ट्रेन यहां 11.45 बजे प्लेटफार्म नंबर एक पर पहुंची। स्टेशन अधीक्षक त्रिपाठी और चीफ टिकट इंस्पेक्टर रीता जोशी ने महिला सहायक लोको पायलट समेत सभी रनिंग स्टॉफ का स्वागत किया। ट्रेन में महिला टिकट चेकिंग स्टॉफ ने बिना टिकट 10 यात्रियों को भी पकड़ा। वापसी में 3.50 बजे सहायक महिला लोको पायलट प्लेटफार्म नंबर तीन से लखनऊ के लिए ट्रेन लेकर रवाना हुईं।
पहली बार यात्री ट्रेन चलाना गर्व की बात
मूलरूप से गोरखपुर के चौरीचौरा की रहने वाली सहायक लोको पायलट ममता ने गवर्नमेंट गल्र्स कालेज लखनऊ से इलेक्ट्रानिक्स में डिप्लोमा किया है। रेलवे की नौकरी में आए उन्हें 18 महीने हुए हैं। यात्री ट्रेन चलाने का उन्हें अवसर पहली बार मिला, जिसकी खुशी उनके चेहरे पर झलक रही थी। उन्होंने बताया कि 11 फरवरी-2017 को सहारनपुर से धुरी, पंजाब तक गुड्स ट्रेन पहली बार चलाया था। लेकिन यात्री ट्रेन को लेकर चलना कहीं ज्यादा जिम्मेदारी का काम है। पिता रामचंद्र यादव एक निजी कंपनी में मेरठ में सेक्टर मैनेजर हैं। मां गृहणी हैं। ममता तीन बहनों में सबसे बड़ी हैं। बहनें और छोटा भाई पढ़ते हैं। पिता मेरठ और पूरा परिवार लखनऊ में रहता है। रनिंग स्टॉफ ने भी कहा कि इतनी खुशी पहले नहीं हुई।
ट्रेन के अन्य स्टॉफ
1-लोको पायलट यूडी त्रिवेदी और गार्ड आरके श्रीवास्तव।
2-टीटीई मुंद्री देवी, विजय लक्ष्मी, नारायणी देवी, शशि बाला और उर्मिला देवी। मुंद्री 27, विजय 22, नारायणी और शशि बाला 17-17 और उर्मिला 16 साल से रेल सेवा में हैं।