उप्र लोकसेवा आयोग के परीक्षार्थियों को पते वाले जिले में मिले परीक्षा केंद्र
कनिष्क गुप्ता.
इलाहाबाद । उप्र लोकसेवा आयोग ने प्रतियोगियों की बहुप्रतीक्षित मांग पूरी कर दी है। पांच वर्ष के लंबे अंतराल के बाद पुरुष अभ्यर्थियों को उनके पते वाले जिले या फिर आसपास परीक्षा केंद्र का आवंटन हुआ है। महिला अभ्यर्थियों को यह सुविधा 2014 से ही दी जा रही है। आयोग ने आगामी आठ अप्रैल को होने वाली आरओ-एआरओ परीक्षा 2017 से ही यह सुविधा शुरू कर दी है। इससे प्रतियोगियों में खुशी की लहर है, क्योंकि हर परीक्षा के पहले यह मांग होती रही है और नकल के नाम पर आयोग परीक्षार्थियों को सुदूर जिलों में भेजता रहा है।
आयोग और प्रतियोगियों के बीच परीक्षा केंद्र आवंटन का विवाद इधर पांच वर्ष से चल रहा था। असल में वर्ष 2000 तक आयोग परीक्षार्थियों से ही केंद्र का विकल्प मांग रहा था, 2001 से छात्रों को उनके पते पर सेंटर मिलना शुरू हुआ। 2012 में अभ्यर्थियों को उनके जिले से दूर भेजने का सिलसिला शुरू हुआ। इसमें आयोग का तर्क रहा है कि इससे परीक्षाओं में नकल पर अंकुश लगेगा। इसका विरोध होने पर 2014 में महिला अभ्यर्थियों को तो उनके पते पर सेंटर का आवंटन शुरू हो गया लेकिन, पुरुष अभ्यर्थी दूर के जिलों में भेजे जा रहे थे। पुरुष प्रतियोगी इसमें बदलाव की मांग कर रहे थे, उनका कहना था कि आयोग परीक्षा केंद्रों पर अत्याधुनिक संसाधनों का उपयोग करके नकल पर अंकुश लगाए। छात्रों को दूर भेजना उचित नहीं है। इसी बीच आयोग में भर्तियों की सीबीआइ जांच शुरू हो गई और जांच टीम ने भी आयोग की कार्यशैली पर कड़ी आपत्ति की।
इसका यह असर हुआ कि आयोग ने एकाएक प्रतियोगियों को पते के जिले में सेंटर आवंटन करके बड़ी सौगात दी है। ज्ञात हो कि समीक्षा अधिकारी, सहायक समीक्षा अधिकारी यानि आरओ-एआरओ 2017 के 460 पदों के लिए दिसंबर व जनवरी माह में ऑनलाइन आवेदन लिए गए थे। इसमें आरओ-एआरओ के अलावा करीब 19 विभागों में लेखा परीक्षक, सहायक लेखाकार, अन्वेषक सह संगणक, सहायक मलेरिया अधिकारी, कनिष्ठ लेखा परीक्षक, सहायक लेखाकार, निरीक्षक माप विज्ञान आदि के पद हैं। सूत्रों की मानें तो पदों की संख्या 500 से अधिक हो गई है और दावेदार करीब चार लाख से अधिक हैं। इनके एडमिट कार्ड शुक्रवार से अपलोड होना शुरू हो गया है इसी में अपने जिले में सेंटर मिलना शुरू हुए हैं।