बलिया – चितबड़ागांव के थाना प्रभारी साहब, कब मिलेगा इस मासूम पीडिता को इन्साफ

संजय राय 

चितबड़ागांव ( बलिया ) – सरकार जितने भी नारे लगवा ले बेटी बचाओ बेटी पढाओ, मगर धरातल पर आज भी बेटिया सुरक्षित नहीं है. हमको डर लगता है जब समय से अधिक हो जाये और बेटी घर न आये. आज सरकार का बेटी बचाओ बेटी पढाओ का नारा शायद बलिया के चितबड़ागांव गाव पुलिस के संवेदनहीनता के कारण अस्तित्व ही खोता जा रहा है जहा गंभीर धाराओ में मुकदमा पंजीकृत करने के बावजूद पुलिस हाथ पर हाथ धरे बैठी रहती है और किसी बड़ी घटना का इंतज़ार करती रहती है.

मामला चितबड़ागांव थाना क्षेत्र के वार्ड नंबर २ सुभाष नगर के निवासी का है, उनकी कक्षा 11 में पढने वाली बेटी क्षेत्र के कुछ मनचलों का शिकार कई दिनों से होती आ रही थी. आखिर में तंग आकर उसने अपने परिजनों से शिकायत किया. परिजनों ने मामले की गंभीरता को समझते हुवे थाना स्थानीय पर एक तहरीर देकर कार्यवाही की मांग किया. आरोप है कि थाना स्थानीय पहले तो हीला हवाली करता रहा मगर मामला टलता न देख थाना प्रभारी महोदय ने दिनांक 7 अप्रेल को अपराध संख्या  25/18 अंतर्गत धाराये 147,148,452,354,379,323,504,506 में पंजीकृत तो कर लिया जिसमे डब्लू सिंह, अनुप सिंह, छोटू सिंह, आशीष सिंह, शेरू सिंह, साहेब सिंह, छोटे सिंह आरोपी है.

अब यहाँ से शुरू होती है इन्साफ की जंग जो जारी है. इस इन्साफ की जंग मे पीडिता ने आरोप लगाते हुवे बताया कि अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है और हौसला बुलंद इन युवको का मनोबल और अधिक बढ़ गया है. ये आरोपी आज भी खुल्लम खुल्ला टहल रहे है और परिजनों पर मुकदमा वापस लेने का दबाव बनवा रहे है.

अब सवाल उठता है कि स्थानीय थाना प्रभारी महोदय वैसे तो तेज़ तर्रार खुद को साबित करते है मगर इस प्रकार के अपराधो में शायद जिस गंभीरता की आवश्यकता है वह अभी तक तो दिखाई भी नहीं दे रही है. प्रकरण को लेकर आम जनों में चर्चाओ का बाज़ार गर्म है.

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