प्रारम्भिक अवशेष की फीडिंग, तकनीकी समस्याओं के निवारण
संजय ठाकुर
मऊ :कृषि निदेशक उ0प्र0 के द्वारा दिये गये निर्देश के परिपालन में जनपद के खुदरा/फुटकर उर्वरक बिक्रेताओं के मध्य पी0ओ0एस0(प्वाइन्ट आॅफ सेल) मशीन का वितरण, प्रारम्भिक अवशेष की फीडिंग, तकनीकी समस्याओं के निवारण, वर्जन अपडेशन एवं पी0ओ0एस0 मशीनों के सफल संचालन हेतु एक प्रशिक्षण कैम्प, दिनांक 09.04.2018 एवं 11.04.2018 को प्रातः 10.00 बजे से सायं 5.00 बजे के मध्य कृषिभवन मऊ के सभागार में आयोजित किया गया है। मऊ :कृषि निदेशक उ0प्र0 के द्वारा दिये गये निर्देश के परिपालन में जनपद के खुदरा/फुटकर उर्वरक बिक्रेताओं के मध्य पी0ओ0एस0(प्वाइन्ट आॅफ सेल) मशीन का वितरण, प्रारम्भिक अवशेष की फीडिंग, तकनीकी समस्याओं के निवारण, वर्जन अपडेशन एवं पी0ओ0एस0 मशीनों के सफल संचालन हेतु एक प्रशिक्षण कैम्प, दिनांक 09.04.2018 एवं 11.04.2018 को प्रातः 10.00 बजे से सायं 5.00 बजे के मध्य कृषिभवन मऊ के सभागार में आयोजित किया गया है। उपरोक्त प्रशिक्षण कार्यक्रम में विकास खण्डवार निर्धारित तिथि को जनपद के सम्बन्धित फुटकर उर्वरक विक्रेताओं की उपस्थिति अनिवार्य है। प्रशिक्षण कैम्प में जनपद के फुटकर उर्वरक विक्रेताओ को प्रतिभाग करने हेतु विकास खण्डवार तिथि निर्धारित की गयी है विकास खण्ड परदहां, कोपागंज, रतनपुरा, घोसी में प्रशिक्षण हेतु निर्धारित तिथि 09.04.2018, विकास खण्ड बडरांव, रानीपुर, फतेहपुर मण्डाव, मु0बाद गोहना, दोहरीघाट में प्रशिक्षण हेतु निर्धारित तिथि 11.04.2018 की गयी है। अतः जनपद के समस्त उर्वरक विक्रेताओं को निर्देशित किया जाता है कि सम्बन्धित उक्त निर्धारित तिथियों में प्रशिक्षण प्राप्त करने हेतु पूर्ण रूप से चार्ज पी0ओ0एस0 मशीन, उर्वरक विक्रय प्राधिकार पत्र, आधार कार्ड, मो0 नं0, नेट पैक सीम कार्ड तथा जी0एस0टी0 नम्बर से सम्बन्धित अभिलेख के साथ सभागर में नियत समय से आवश्यक रूप से उपस्थित होना सुनिश्चित करेगें। समस्त थोक उर्वरक विक्रेता भी अपने सम्बन्धित खुदरा विक्रेताओं को प्रशिक्षण में प्रतिभाग कराने/प्रशिक्षण प्राप्त किये जाने के निमित्त उत्तरदायी होगे, इसमें किसी प्रकार की शिथिलता क्षम्य नहीं होगी, जो उर्वरक विक्रेता प्रशिक्षण प्राप्त करने हेतु उपस्थित नहीं होता है या प्रशिक्षण प्राप्त नहीं करता है, उस स्थिति में उसके विरूद्ध उर्वरक नियन्त्रण आदेश 1985 के सुसंगत प्राविधानों के अन्तर्गत कार्यवाही करते हुये निर्गत उर्वरक विक्रय प्राधिकार पत्र निरस्त कर दिया जायेगा, जिसके लिए विक्रेता स्वयं जिम्मेदार होगा