150 करोड़ छात्रवृत्ति के घोटाला – मामला ईओडब्ल्यू के हवाले, हुई कई लोगों से हुई पूछताछ
यशपाल सिंह
आजमगढ़ समाज कल्याण विभाग 150 करोड़ छात्रवृत्ति घोटाले में पहला मुकदमा एक सितंबर 2014 को कप्तानगंज थाने में तत्कालीन समाज कल्याण अधिकारी ने दर्ज कराया था। इसमें तत्कालीन समाज कल्याण अधिकारी एनएन द्विवेदी, पटल सहायक गंगासागर राय, जिला सहकारी बैंक के तत्कालीन प्रबंधक हरेराम यादव, सचिव अजीत कुमार वर्मा, तत्कालीन जिला विद्यालय निरीक्षक को नामजद किया गया था। दूसरा मुकदमा एक सितंबर 2014 को ही बलराम बेचू इंटर कालेज पटवधकौतूकपुर वीरमपुर के प्रधानाचार्य जयप्रकाश यादव, यूबीआइ चंडेश्वर के तत्कालीन प्रबंधक भोला राम, जिला प्रोबेशन कार्यालय के कनिष्ठ लिपिक सुभाष चंद्र, जितेंद्र राय, गंगासागर राय, संजय राय, संतोष कुमार श्रीवास्तव, नागेंद्र राय को नामजद किया गया था। तीसरा मुकदमा 20 नवंबर 2014 को दर्ज कराया गया। इसमें जूनियर हाईस्कूल अंबारी के प्रबंधक मु. हनीफ, लिपिक सुभाष चंद्र, कमलेश राय, लालचंद, तत्कालीन जिला प्रोबेशन अधिकारी ओपी सैनिक, शाखा प्रबंधक यूबीआइ अंबारी, भीमबर, बेलइसा, डीसीबी चौक, सुपरवाइजर जितेंद्र राय, गंगा सागर राय, नागेंद्र राय, संतोष कुमार श्रीवास्तव को नामजद किया गया था। चौथा मुकदमा 11 जून 2015 को दर्ज कराया गया। इसमें डीसीबी कप्तानगंज के प्रबंधक हरीराम यादव, गंगा सागर राय, गो¨वद, अनीता, राहुल, जिला समाज कल्याण अधिकारी, बाल गो¨वद, मनोज पांडेय, रमेश व अज्ञात लोगों के विरुद्ध दर्ज किया गया था। नामजद आरोपियों में समाज कल्याण के सहायक कनिष्ठ सुपरवाइजर जितेंद्र राय की बीते दिनों कैंसर से मौत हो चुकी है। प्रोबेशन विभाग के लिपिक सुभाष चंद्र, जिला सहकारी बैंक के पूर्व प्रबंधक हरिराम यादव, मिर्जापुर से एक लिपिक को गिरफ्तार किया जा चुका है। अब भी 31 आरोपी पुलिस की पकड़ से दूर हैं। इसके अलावा करीब पचास संस्थाओं के संस्थापक भी घोटाले में लिप्त हैं। यह भी अपनी-अपनी जान बचाने के लिए शासन स्तर पर अपना जुगाड़ लगा रहे हैं और अंदर ही अंदर उनका हिम्मत और साहस जवाब दे रहा है