मुआवजा घोटाले मे भाजपा नेता से एसआईटी ने की पूछताछ
रुद्रपुर (उत्तराखंड )।। अंतिम दौर में चल रही एसआइटी की जांच में अब सरकारी भूमि पर मुआवजा लेने वालों के खिलाफ शिकंजा कसा गया है। भाजपा नेता और जिला पंचायत अध्यक्ष के पुत्र सुरेश गंगवार भी इसकी जद में आए हैं। हालांकि उनका विवाद हाईकोर्ट में लंबित है, लेकिन बुधवार को एसआइटी ने उनसे लंबी पूछताछ की। 11 अन्य किसानों को भी बयान दर्ज कराने के लिए बुलाया गया। इनमें मुआवजा घोटाले को लेकर पीआइएल दाखिल करने वाला बरा के ग्राम प्रधान का पति रामनारायण भी शामिल है। गुरुवार को भी पूछताछ का सिलसिला चलेगा।
एसआइटी के अनुसार एनएच चौड़ीकरण की आड़ में ग्राम बरा-बरी में खंती और सरकारी जमीन पर मुआवजा लिया गया। यहां कुल 11456 हेक्टेयर भूमि सरकारी यानी खंती, बंजर और वर्ग 4क में दर्ज थी, जिसकी प्रतिकर धनराशि करीब 14 करोड़ निर्धारित भी कर दी गई थी। पहली किस्त के रूप में पैसा भी मिल चुका था, लेकिन चार गुना मुआवजे के लिए भाजपा नेता सुरेश गंगवार ने आर्बिट्रेटर की अदालत में अपील की थी। इसके खिलाफ एनएचएआइ भी आर्बिट्रेशन पहुंची थी, लेकिन फैसला सुरेश के पक्ष में आया था। इसके बाद ग्राम बरा में जिला पंचायत अध्यक्ष के पुत्र और भाजपा नेता सुरेश गंगवार समेत तमाम किसानों ने चार गुना मुआवजा के लिए आवेदन किया था। इस पर एनएचएआइ आर्बिटेशन में चली गई थी, जहां भी सुरेश के पक्ष में फैसला आया। इस फैसले के खिलाफ एनएचएआई जिला न्यायालय पहुंची, जहां से आर्बिटेशन का आदेश निरस्त कर दिया गया था। इस पर सुरेश गंगवार पक्ष हाईकोर्ट पहुंच गया था, जहां मामला विचाराधीन है।
मुआवजा घोटाला सामने आने के बाद किच्छा तहसील की भी जांच शुरू हुई। बीते दिनों एसआइटी ने ग्राम बरा-बरी के 30 किसान और दुकानदारों को नोटिस जारी कर पूछताछ के लिए बुलाया था। बुधवार को जिला पंचायत अध्यक्ष के पुत्र सुरेश गंगवार, ग्राम बरा के प्रधान पति राम नारायण समेत 12 किसान एसएसपी कार्यालय पहुंचे, जहां सभी से पूछताछ हुई।
सुरेश गंगवार से एसआइटी ने करीब चार घंटे पूछताछ कर मुआवजा और भूमि स्टेटस जाना। सुरेश से किच्छा एसडीएम की रिपोर्ट के आधार पर सवाल पूछे गए। पूछताछ शाम चार बजे तक चली। इस दौरान एसआइटी ने सभी के बयान भी दर्ज किए।