भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष से मिला प्रभावित किसानों का प्रतिनिधिमंडल
उप श्रमायुक्त की बैठक हुई विफल, आर-पार की लड़ाई को तैयार किसान
मो आफताब फ़ारूक़ी
इलाहाबाद। काफी समय से अपनी विभिन्न मांगों को लेकर आन्दोलित पीपीजीसीएल बारा पाॅवर प्लांट से प्रभावित किसानों और मजदूरों ने आर पार की लड़ाई का मन बना लिया है। किसान इस लड़ाई को अकेले न लड़कर भारतीय किसान यूनियन के साथ मिलकर लड़ेंगे। किसानों का प्रतिनिधिमंडल सोमवार को अपने तमाम मुद्दों को लेकर मुजफ्फरनगर सिसौली में भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत से मिला। जिसका नेतृत्व भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक) के जिलाध्यक्ष सालिगराम यादव, तहसील अध्यक्ष सुरेन्द्र सिंह ने किया। जहां राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत से मिलकर आगे की रणनीति बनाई। किसानों ने राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत के नेतृत्व में लड़ाई लड़ने को कमर कस लिया है। रविवार को किसानों का जत्था अध्यक्ष नरेश टिकैत से मिलने के लिए रवाना हुआ, जहां सोमवार को किसानों ने राष्ट्रीय अध्यक्ष से मुलाकात की और कई बिन्दुओं पर विस्तार से चर्चा की। किसानों का कहना है कि शासन और प्रशासन द्वारा किसानों के हित में कभी भी कोई निर्णय न लेना और किसानों को ही दोषी ठहराया जाना एवं पॉवर प्लांट के कुछ अधिकारियों द्वारा लाॅलीपाप देकर कूटनीतिक षड्यंत्र कर आपस में मतभेद पैदाकर आंदोलन को असफल बनाने की रणनीति अपनायी जा रही है। लेकिन इस बार अधिकारियों का एक भी अस्त्र शस्त्र काम नहीं आने दिया जायेगा। किसान अपनी जायज मांगों को मनवाकर ही मानेंगे।
जिलाध्यक्ष सालिगराम यादव ने बताया कि किसानों की तेरह सूत्रीय मांगों में कुछ मांगे जो डीएलसी लेबिल की थीं, पिछले 23 मई को उप श्रमायुक्त के यहां एडीएलसी दिव्य प्रताप सिंह की अध्यक्षता में पीपीजीसीएल बारा पॉवर प्लांट के अधिकारियों व किसानों की बैठक हुई, जिसमें वार्ता विफल रही। बताया गया कि कंपनी के अधिकारी श्रमिकों को पीपीजीसीएल रोल में नहीं रख रहे हैं। तहसील अध्यक्ष सुरेन्द्र सिंह का कहना है कि कंपनी के लोग सिर्फ दिग्भ्रमित कर आपस में फूट डालने का कार्य कर रहे हैं और अपने ही किए गए वायदों से मुकर जाते हैं। वहीं किसानों का कहना है कि वार्ता विफल हो जाने से आंदोलन आगे भी जारी रहेगा, अब भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक) के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत के दिशा निर्देश पर आगे की रणनीति तय की जाएगी।