विद्युत व्यवस्था से त्रस्त रोजेदार, गर्मी से परेशान, बिजली की झेलते मार, नही कर पा रहे इबादत।

जीतेन्द्र कुमार

कौशाम्बी। भगवान एक है, पर सबका अपना एक धर्म है। हमारे भारत देश मे हर एक व्यक्ति को अपना धर्म मानने की पूरी छूट है। संविधान में हर व्यक्ति को स्वयं की आज़ादी है। भारत का हर एक नागरिक देश के प्रति सम्मान की भावना रखता है। फिर इंसान चाहे जिस धर्म का हो मायने नही रखता । जी हाँ धर्म तो पृथ्वी पर आकर बदलता है।

इंसान चाहे हिन्दू हो चाहे मुसलमान, सिक्ख हो या ईसाई, सबकुछ पृथ्वी पर होता है। अगर ऊपर वाला व्यक्ति को धर्म के अनुसार भेजता तो कोई मुहर लगा कर भेजता । हर धर्म की अलग – अलग मुहर होती है। लेकिन ऊपर वाले के अनुसार हर इंसान एक है। रमज़ान का महीना चल रहा है, ज्यादातर रोज़ेदार रोजा रख रहे है ।

17 से 18 घण्टे का रोज़ा रोजेदारों को खल जाता है। इस समय रोजेदारों को सिर्फ जरूरत है, तो विद्युत की ।बराबर विद्युत की सप्लाई न होने से जिला में रोजेदारों को काफ़ी रोज़ा खल रहा है। विद्युत व्यवस्था की चरमराती स्थिति रोजेदारों के साथ – साथ आम जनता को भी परेशानी में डाल रही है। बराबर विद्युत कटौती विभाग पर सवालियां निशान लगा रहे है। आपको बता दे कि पूर्व सरकार व उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने अपने शासनकाल में होली, दीवाली, नवरात्र , ईद , बकरीद , सबे – ए-बारात , क्रिसमस डे आदि त्योहारों पर 18 से 20 घंटे विद्युत पूर्ति के ऐलान कर विद्युत की व्यवस्था से लोगो को खुश रखा।

इस समय विद्युत व्यवस्था की हालत बिगड़ रही है। स्थिति ये है कि 16 घण्टे बिजली अगर मिलती है , तो उसमें 32 मर्तबा बिजली कटती है। त्रस्त जनता उम्मीद के साथ गुहार लगा रही है कि कब उन्हें ऐसी बिजली मिले जिसमे ट्रिप न हो।

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