रविपुष्य योग में क्या करें

रविपुष्य योग के बारे में शास्त्रों में कहा गया है कि इस योग में तंत्र-मंत्र की साधना करने से साधना सफल होती है। बीमार व्यक्तियों का उपचार इस योग में शुरू करने पर स्वस्थ्य लाभ मिलता है। जन्मकुंडली में सूर्य की स्थिति अच्छी नहीं होने पर सूर्य की पूजा इस योग में करने पर सूर्य का दोष दूर होता है।

रविपुष्य योग में लाभ के लिए उपाय

ज्योतिषशास्त्र के अनुसार रविपुष्य योग में विष्णु सहस्रनाम का पाठ करने से पाप कर्मों का प्रभाव कम होता है।

इस योग में लाल गाय को गुड़ और मीठी रोटी खिलाने से आर्थिक परेशानी दूर होती है।

किसी कार्य की सिद्धि के लिए रविपुष्य योग में भगवान के सामने घी का दीप जलाकर प्रार्थना करना शुभ फलदायी होता है। ऐसी मान्यताएं कहती हैं।

तांबे के बर्तन में लाल फूल, दूध, जल और लाल चंदन एवं सिंदूर डालकर सूर्य को जल देने से आरोग्य सुख मिलता है और शत्रुओं का भय दूर होता है।

इससे पहले रविपुष्य योग 22 अप्रैल को बना था और इसके बाद साल का अंतिम रविपुष्य योग 17 जून को बनेगा।

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