शिक्षा की गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं: डा.दिनेश शर्मा

आफ़ताब फारुकी

इलाहाबाद। इलाहाबाद प्राचीन परम्पराओं में कुम्भ ही नहीं वरन् साहित्य, संगीत व कला के क्षेत्र में सदैव से अग्रणी रहा है। समय के साथ बहुत परिवर्तन हुआ और इसके पुराने गौरव को लाने के लिए प्रयास चल रहा है। यदि प्रशासक का नेतृत्व अच्छा होगा तो कार्यों में गुणवत्ता बढ़ेगी। इसलिए शिक्षा की गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं किया जायेगा।
उक्त बातें उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री डा. दिनेश शर्मा ने रविवार को इलाहाबाद राज्य विश्वविद्यालय के द्वितीय स्थापना समारोह के अवसर पर नैनी स्थित हाईटेक सिटी में एकेडमी भवन का भूमि पूजन करने के उपरान्त कही। उन्होंने आगे कहा कि हर व्यक्ति को विद्या अर्जन के बाद रोजी-रोटी की ओर जाना होता है। जिसके लिए इलाहाबाद का प्रयास सदैव से रहा है। कहा किसी भी देश की प्रगति वहां के शिक्षा एवं संस्कारों से होती है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने नकल पर रोक लगाने का पूरा प्रयास किया। कहा कि नकल के कई प्रकार हैं, जैसे किसी के स्थान पर कोई दूसरा परीक्षा दे (साल्वर), कमरे में बैठाकर इमला बोलना (सामूहिक नकल), किसी मेधावी छात्र की काॅपी बदलकर दूसरे छात्र की काॅपी में नत्थी करना (काॅपी बदल) आदि नकल कहलाता है। इन सब पर रोक लगायी गयी।
प्रदेश में जब भाजपा की सरकार बनी तो उस समय शिक्षा के क्षेत्र में 50 हजार से अधिक मुकदमे विभाग में थे, जिसके कई कारण थे। लंबित मुकदमों को निपटाने का कार्य सरकार ने जोर शोर से किया। शिक्षा में गुणवत्ता लाने के लिए सरकार ने कुछ फार्मूले अपनाये। जिसमें सुखी मन शिक्षक, तनाव मुक्त विद्यार्थी और नकलविहीन परीक्षा को अपनाया।
कालेजों व विद्यालयों में माफिया तंत्र हावी था, जो बड़े पैमाने पर कार्य कर रहा था। उसको नेस्तनाबूत करने के लिए एसटीएफ का सहारा लिया, जिसका परिणाम यह रहा कि कई गिरोहों का भण्डाफोड़ हुआ। उन्होंने कहा कि केजी से पीजी तक शिक्षा के लिए एक नया सिस्टम लेकर चलेंगे, जिसमें सस्ती या निःशुल्क शिक्षा मिलेगी। कहा कि विश्वविद्यालय अपनी शिक्षा प्रणाली में निरंतर बदलाव करके उच्च परिणाम दे। स्किल डेवलपमेंट के लिए चार विश्वविद्यालय लाये जा रहे हैं। जिसमें शोध गंगा पोर्टल, वाई फाई व इण्टरनेट जैसी सुविधाएं उपलब्ध रहेगी। निजी विश्वविद्यालयों के लिए कानून शीघ्र लाया जायेगा। सरकार ने एक साल में लगभग 200 विद्यालयों को माध्यमिक शिक्षा से जोड़ते हुए दीनदयाल माडर्न स्कूल खोला। विश्वविद्यालयों में खाली पदों की नियुक्ति करने के लिए शिक्षकों में योग्यता का मापदण्ड होना चाहिए। उन्होंने अंत में कहा कि 30 जून तक शिक्षक अपनी समस्याओं को प्रधानाचार्य, जिला विद्यालय निरीक्षक, शिक्षा निदेशक आदि के माध्यम से अवगत करायें, जिससे दो से 15 जुलाई तक उसका निस्तारण हो सके। इलाहाबाद राज्य विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.राजेन्द्र प्रसाद ने कहा कि यह प्रदेश का पहला विश्वविद्यालय है जहां स्नातकोत्तर स्तर पर सभी विषयों के सेमेस्टर प्रणाली लागू है और प्राइवेट छात्रों को भी यह सुविधा उपलब्ध है। कहा कि यह चार मंजिला भवन निर्माण होगा, जिसे आर्कीटेक्ट को दे दिया गया है, जो नवम्बर तक तैयार हो जायेगा। उन्होंने उपमुख्यमंत्री को विश्वविद्यालय के शैक्षणिक प्रणाली की रिपोर्ट भी सौंपी और कहा कि बिना शासन के सहयोग से प्रशासन कुछ नहीं कर सकता। अंत में उन्होंने अपने विश्वविद्यालय की कार्य प्रणाली पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर पूर्व न्यायमूर्ति गिरधर मालवीय, पूर्व उच्च शिक्षा मंत्री डा.नरेन्द्र सिंह गौर, विधायक हर्षवर्धन बाजपेयी, अजय भारतीय, भाजपा के जिलाध्यक्ष सहित तमाम लोग उपस्थित रहे।

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