भाजपा नेता ने बनवा डाले 18 करोड़ की सरकारी ज़मीन पर तीन निजी शिक्षण संस्थाये
कनिष्क गुप्ता
इलाहाबाद : हंडिया में भाजपा नेता के तीन कॉलेज सरकारी परती और ऊसर जमीन पर बने हैं। आइएएस अधिकारी व हंडिया के एसडीएम डॉ.राजू गणपति आर. की जांच में यह मामला पकड़ा गया है। तीनों कॉलेज के एक ही मालिक हैं। एसडीएम की ओर से कॉलेज के निदेशक को नोटिस भेजी गई है। एक सप्ताह के अंदर तीनों कॉलेजों के कागजात मांगे गए हैं।
एसडीएम डॉ.राजू के मुताबिक इलाहाबाद-वाराणसी मार्ग पर बनाए गए तीनों कॉलेजों की जमीन लगभग 12 बीघा है जिसकी कीमत वर्तमान में लगभग 18 करोड़ रुपये आंकी गई है। उन्होंने बताया कि तीनों कॉलेज सरकारी ऊसर व परती की जमीन पर बने हैं। एसडीएम के मुताबिक सबसे महत्वपूर्ण यह कि सरकारी जमीन निजी शैक्षणिक संस्थान के नाम बिना किसी के सक्षम अधिकारी के आदेश के ही कर दी गई है। इससे इस जमीन में गड़बड़ी का संदेह है। इसीलिए तीनों शैक्षणिक कॉलेजों के निदेशक को नोटिस भेजी गई है। एक सप्ताह के अंदर जवाब मांगा गया है कि सरकारी जमीन पर कैसे निजी शैक्षणिक संस्थान बना दिए गए। यदि कोई अभिलेख हो तो उसे तहसील प्रशासन को मुहैय्या कराया जाए। प्राइवेट शैक्षणिक संस्थानों की जमीन की जांच तथा नोटिस भेजे जाने से हड़कंप मचा है।
बताते हैं कि तीनों शैक्षणिक संस्थान भाजपा चिकित्सा प्रकोष्ठ के प्रदेश सह संयोजक डॉ.कुंवर वी.के. सिंह के हैं। उनके पिता डॉ.देवराज सिंह भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य हैं। डॉ.देवराज हंडिया से विधायक भी रह चुके हैं। पीजी कॉलेज वर्ष 1973 में तथा नेशनल इंटर कॉलेज वर्ष 1946 में बना था।
दस हजार हैं छात्र-छात्राएं
नेशनल इंटर कॉलेज में लगभग छह हजार तथा पीजी कॉलेज में चार हजार छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं। इन संस्थानों से पढ़ाई कर लगभग 15 आइएएस, 18 पीसीएस, आठ आइपीएस बन चुके हैं। यही नहीं कई राजदूत व बड़े वैज्ञानिक भी हैं। इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी भी इन संस्थानों ने दिए हैं।
इस सम्बन्ध में भाजपा नेता डॉ कुवर सिंह ने बात करते हुवे बताया कि कॉलेज की चहारदीवारी पूर्व के एसडीएम ने ही बनवाया था। खाली स्थान का सौंदर्यीकरण कॉलेज प्रबंधन ने कराया। कॉलेज के अधिवक्ता के सामने जमीन की नाप करा ली जाए। यदि तहसील प्रशासन की जमीन निकलती है तो कानून का पूर्णतया पालन होगा। कानून से हटकर कॉलेज प्रशासन कोई कार्य नहीं करता है। खुद ही विद्यालय प्रबंधन जमीन दे देगा। इस आशय का पत्र एसडीएम को दे दिया गया है।