107 गावो, 40 हज़ार आबादी की सुरक्षा होम गार्ड भरोसे

उमेश गुप्ता

बिल्थरारोड (बलिया) : बलिया जनपद के आखिरी छोर स्थित बिल्थरारोड तहसील मुख्यालय के करीब 107 गांवों समेत लगभग 40 हजार की आबादी वाले बिल्थरारोड नगर की सुरक्षा व्यवस्था होमगार्डों के भरोसे चल रही है। इनके सुरक्षा के लिए स्थापित उभांव थाना एवं नगर के सीयर पुलिस चौकी पर आवश्यकता के सापेक्ष तैनात सिपाहियों व दारोगा की संख्या में काफी कम है।

वहीं अंग्रेजों के जमाने की जर्जर बि¨ल्डग में संचालित उभांव थाने पर बैरक, मालखाना व आरक्षी-दारोगा के आवास का अभाव है। थाने की बाउंड्री तक नहीं है और दो तरफ से खरपतवार व खेतों से घिरे होने के कारण बरसात के दिनों में थाना परिसर में सांपों का आना- जाना लगा रहता है। इसके कारण सांपों का भय यहां तैनात खाकी के चेहरे पर साफ नजर आता है। तमाम विपरीत परिस्थिति के बावजूद ड्यूटी करने के दबाव में यहां तैनात पुलिसवाले विवश हैं। 107 गांवों की सुरक्षा की जिम्मेदारी निभाने वाले उभांव थाना की सुरक्षा को नगर को छोड़ चार हल्का क्षेत्र में बांटा गया है ¨कतु इसकी जिम्मेदारी को महज दो दारोगा राजकुमार ¨सह व अखिलेश मौर्य के पास है। एक अन्य एसआइ कमलेश का स्थानांतरण गड़वार हो चुका है। जहां इंस्पेक्टर के अलावा कम से कम चार एसआइ के सापेक्ष महज दो दारोगा से ही काम चलाया जा रहा है। वहीं 150 सिपाहियों के सापेक्ष यहां महज 31 सिपाही ही तैनात हैं। इनके स्थान पर तैनात 48 होमगार्ड से ही बैंक ड्यूटी से लगायत हल्का क्षेत्र तक की निगरानी की कराई जाती है। जबकि मऊ व देवरिया जनपद के सीमावर्ती इलाके में अवस्थित यहां आवश्यकता करीब आठ एसआइ की हो गई है।

थाने पर एक नया प्रशासनिक भवन का निर्माण तो हुआ ¨कतु बैरक में अभाव में उसे बैरक का ही प्रयोग लिया जा रहा है। थाने पर महिला कांस्टेबल आवास, आगंतुक कक्ष व मालखाना व एसआई आवास तो बना ही नहीं है। थाना परिसर में चार आरक्षी आवास व एक हेड कांस्टेबल का आवास तो बना है ¨कतु इंस्पेक्टर आवास का निर्माण थाना परिसर के भूमि विवाद की भेंट चढ़ गया है। जबकि नगर की पुलिस चौकी किराए के जर्जर मकान में संचालित होती है और करीब 48 हजार की आबादी की निगरानी के लिए एक चौकी इंचार्ज के अलावा महज दो सिपाही, दो हेड कांस्टेबल, एक एचसीपी (हेड कांस्टेबल प्रमोटेड) ही तैनात हैं। जिनके बूते नगर स्थित करीब 11 बैंक, अस्पताल, रेलवे चौराहा, जाम, सराफा मंडी व नई कालोनी समेत नगर की निगरानी एवं तत्कालिक घटनाओं को कंट्रोल करने की जिम्मेदारी होती है। दारोगा-सिपाही की कमी के बावजूद पुलि¨सग दुरुस्त : उभांव इंस्पेक्टर रत्नेश ¨सह ने कहा कि थाने पर दारोगा व सिपाही की कमी तो है, जिससे दिन-रात के शिफ्ट के तहत निगरानी में परेशानी तो होती है।

बावजूद सीमित संसाधन में क्षेत्र की पुलि¨सग दुरुस्त है। अपराध व अपराधियों पर लगातार नजर रखी जा रही है और घाघरा के दियारा से लेकर सभी संदिग्ध स्थानों पर कड़ी नजर रखी जाती है। बताया कि जर्जर भवन की मरम्मत व बाउंड्री के लिए भी प्रस्ताव विभाग को भेजा गया है।

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