बांदा – बंद है अधिकारियो की आँखे या खनन माफियाओ को है खुली लूट की छुट.
जीतेन्द्र द्रिवेदी.
बांदा जिले के खनन माफियाओं के हौसले इतने बुलंद हैं कि कार्रवाई होने के बाद भी कोई सुधार नहीं हो रहा है…धड़ल्ले से प्रशासन को अंगूठा दिखाते हुए खनन करने में जुटे हुए है..जिसके एवज में माफियाओं को भारी नुकसान भी झेलना पड़ रहा है..लेकिन जिले के अधिकारी एसे माफियाओं से सांठ-गांठ कर माफियाओं को सह देने का कार्य कर रहे हैं.. जिले के रिसौरा खदान में प्रशासन ने एक बार फिर बड़ी कार्रवाई की है…रात करीब 12 बजे छापा मारते हुए अवैध खनन पकड़ा और मशीनों सहित ट्रक , ट्रैक्टर सीज किये…लेकिन इसके बावजूद अधिकारियों और माफियाओं के बीच सांठ गांठ सामने आई है.
मामला बांदा जनपद के नरैनी तहसील के अंतर्गत रिसौरा खदान का है जहां बीच नदी पर रनगढ़ का प्राचीन एतिहासिक किला बना हुआ है जो आज सरकार की उपेक्षा के चलते धराशाई होने की कगार पर पहुंच चुका है और जिसे ध्वस्त करने में स्थानीय खनन माफिया 1 वर्ष से लगे हुए हैं जिसमें जिले के कुछ जिम्मेदारो का इन माफियाओं मौन समर्थन हैं साथ ही देश के चौथ स्तंभ को ठेंगा भी दिखा रहे हैं मानो इस सरकार में इन्हे किसी का डर ही नहीं है. बार-बार खबर चलाने के बाद भी यहां मामले को दबाने का काम किया जाता है.
आपको बता दें कि पिछले दिनों खनन माफिया अपने खनन क्षेत्र से हटकर रनगढ़ किले के चारों ओर भारी मशीनों से खनन करवा चुके हैं जिसकी खबर मीडिया कई बार चलाई और अधिकारियों से सवाल भी पूंछे पर कोई कार्रवाई नही हुई लेकिन जब इस बात जानकारी कुछ समाजिक कार्यकर्ताओं को हुई तो उन्होने किले के अस्तित्व को बचाने के लिए स्थानीय कार्यकर्ताओं और लखनऊ के एक सामाजिक कार्यकर्ता ने स्थानीय लोगों के साथ मिलकर 15 दिन का अनशन भी चलाया जिससे डरकर बालू माफिया ने खदान को सरेंडर कर दिया था साथ ही खदान मालिक पर कई गंभीर धाराओं पर मुकदमा भी नरैनी कोतवाली में पंजीकृत हुआ था मामला शांत होते ही खदान संचालक ने दोबारा अपने क्षेत्र में खनन की अनुमति लेकर भारी मशीनों से प्रतिबंधित क्षेत्र में खनन कराने लगा जिस की खबर लगते ही प्रशासन ने मौके पर पहुंचकर कार्रवाई किया. इस कार्यवाही को सिर्फ ढकोसला ही कहा जायेगा या फिर दिखावा क्यों कि वहां मीडिया कर्मी भी पहुंच गये थे. जहां अधिकारियों ने दो भारी पोकलेन मशीन एक JCB दो डंपर तीन ट्रैक्टर और कई बालू से भरे ट्रक बरामद किए जिन्हें नरैनी कोतवाली में ले जाकर खड़ा किया गया है पर अभी तक किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं की गई है.
जबकी माके पर मौजूद एसडीएम नरैनी ने इस बात की पुस्टी की है कि खदान में मशीनों द्वारा आबंटित जगह को छोड़कर अवैध खनन किया जा रहा था. अब सवाल यह उठता है कि आखिर भाजपा कि सरकार में एसा क्या हुआ है कि अधिकारियों सहित माफियाओं के भी हौसले बुलंद हैं और दोनों की सांठ गांठ से प्राकृतिक संपदा नस्ट की जा रही है जिससे जीवों का अस्तित्व खतम होता नजर आ रहा है