फर्जी मुकदमे में नाबालिग सब्जी विक्रेता को फंसाने के मामले में पटना पुलिस की पोल खुली
अनिल कुमार
विगत 19 मार्च को नाबालिग सब्जी विक्रेता पंकज को फर्जी केसों में फंसाकर कर जेल भेजने के मामले में पटना पुलिस की पोल खुल गई है। आज पटना के तेजतर्रार एसएसपी मनु महाराज ने रिमांड होम में बंद पंकज को रिहा करने के लिए कोर्ट में आवेदन दिया है।
पटना पुलिस पर मुफ्त में सब्जी नहीं देने पर नाबालिग सब्जी विक्रेता पंकज को फर्जी केस में फंसाने का एक बदनुमा दाग लगा था। पटना के एक दैनिक समाचार पत्र ने इस मामले को प्रमुखता से प्रकाशित किया था, जिस पर प्रदेश के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तत्काल पटना प्रक्षेत्र के आईजी एन.एच.खान को इस फर्जी केस के जांच करने का आदेश दिया था। जिस पर आईजी ने तीन सदस्यीय टीम गठित कर तीव्र गति से जांच करते हुए एक दर्जन पुलिस पदाधिकारियों और पुलिसकर्मियों को दोषी करार देते हुए तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया था और सभी दोषियों पर विभागीय कार्रवाई करने का आदेश दिया है।
जोनल आईजी ने इस केस का सुपरविजन पटना के तेजतर्रार एसएसपी मनु महाराज को सौंपा था। एसएसपी मनु महाराज ने अपने सुपरविजन में पंकज को निर्दोष बताया है और सीआरपीसी की धारा- 196 के तहत कोर्ट में आवेदन दाखिल किया है कि नाबालिग पंकज को रिहा किया जाए। इस मामले में जोनल आईजी एन.एच.खान का बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान रहा है जिससे गरीब पंकज को न्याय मिल सका।
नाबालिग सब्जी विक्रेता पंकज मूल रूप से पटना जिला के पालीगंज थाना क्षेत्र के मखमीलपुर गांव का रहने वाला है और रोजी-रोटी के लिए पटना में सब्जी बेचता है।