कैबिनेट की मिली मंजूरी, इस बार नया विभाग ही नहीं नये थाने खोल कर रोकेगी सरकार बिजली चोरी
मनोज गोयल.
लखनऊ. बिजली चोरी रोकने के लिये प्रदेश सरकार ने कमर कस लिया है. इस बार सिर्फ विभाग ही नहीं नये थाने खोलने के लिये भी फैसला लिया है. प्रदेश कैबिनेट ने आज इस फैसले को मंज़ूरी दे दिया है. अब यूपी सरकार ने बिजली चोरी रोकने के लिए 75 एंटी पावर थेफ्ट पुलिस थाने खोलने का फैसला किया है। प्रदेश कैबिनेट ने सभी जिलों में एक-एक थाना खोलने के ऊर्जा विभाग के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। गुजरात, मध्य प्रदेश व राजस्थान में यह व्यवस्था पहले से लागू है।
इस सम्बन्ध में बात करते हुवे राज्य सरकार के प्रवक्ता व ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने बताया कि बिजली चोरी रोकने के लिए पावर कॉरपोरेशन की सतर्कता इकाई के तहत वर्तमान में 33 प्रवर्तन दल कार्यरत हैं। इसके अलावा 55 अतिरिक्त प्रवर्तन दलों की स्वीकृति दी जा चुकी है। जिला पुलिस की व्यस्तता और भारतीय विद्युत अधिनियम-2003 के तकनीकी ज्ञान न होने से बिजली चोरी से जुड़े अपराधों की विवेचना गुणात्मक तरीके से नहीं हो पा रही है।
इससे उम्मीद के हिसाब से न्यायोचित परिणाम भी नहीं मिल पाते हैं। ऐसे में बिजली चोरी रोकने के लिए पांच डिस्काम के तहत सभी 75 जिलों में एक-एक एंटी पावर थेफ्ट पुलिस थाना स्थापित किए जाने को मंजूरी दी गई है। ऊर्जा मंत्री ने कहा कि इससे बिजली चोरी करने वाले हतोत्साहित होंगे और ईमानदार उपभोक्ताओं को प्रोत्साहन मिलेगा।
75 नए थानों की स्थापना से 2157 लोगों को नई नौकरी मिलेगी। प्रत्येक थाने में 28 लोगों की नियुक्ति की जाएगी। इसका पूरा खर्च पावर कॉरपोरेशन उठाएगा। सरकार पर कोई अतिरिक्त खर्च नहीं आएगा। प्रत्येक थाने पर एक इंस्पेक्टर, 5 एसआई, 11 हेड कांस्टेबल, 9 कांस्टेबल और दो चतुर्थ श्रेणी कर्मी होंगे। हालांकि इन थानों के पुलिस कर्मी पुलिस विभाग का ही हिस्सा होंगे।
सरकार ने बताया फायदे
बिजली चोरी से जुड़े मुकदमे दर्ज करने की व्यावहारिक कठिनाई दूर होगी।
दर्ज अपराध की विवेचना और पैरवी ठीक से होगी।
बिजली चोरी रुकेगी और शमन शुल्क के रूप में राजस्व में वृद्धि होगी।
लाइन लॉस में कमी होगी जिससे पावर फार आल के लक्ष्य को समय से पाया जा सकेगा।