एक साल पहले हुवे क़त्ल का हुआ खुलासा, पत्नी ने ही करवाया था अपने पति की हत्या
साभार – भुवनेश्वरी मलिक
वाराणसी। एक वर्ष पूर्व 13 मई को चौबेपुर के वभनपुरा गांव में बबलू की झाड़ियों में एक युवक की लाश मिली थी। लाश मिलने के बाद ब्लाइंड मर्डर केस में पुलिस हत्या की आशंका जताते हुए मुकदमा कायम कर शिनाख्त करने में जुटी हुई थी। वारदात के चार महीने बाद मृतक की बहन और बेटियों ने उसका शिनाख्त किया था। मरने वाले की पहचान राजाराम निवासी थाना जैतपुरा के रूप में हुई थी।
जिसमे एसपीआरए अमित कुमार के निर्देश पर पुलिस हत्या का केस दर्ज कर लगातार अपराधियों की तलाश में दविश दे रही थी, शुक्रवार को मुखबीर की सूचना पर इस मामले में वांछित दो अभियुक्तों को जो भागने के फेर में थे उन्हें प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र चिरईगांव से धर-दबोचा गया।
एसएसपी आरके भारद्वाज ने शुक्रवार को खबरनवीसों को बातचीत में बताया कि पकड़े गए हत्यारोपियों में मृतक की पत्नी मोनी (काल्पनिक नाम) निवासिनी पैगम्बरपुर (सारनाथ) और पनारू निवासी अमानुल्लहापुरा जैतपुरा हैं। बताया कि कड़ाई से पूछताछ में हत्यारोपियों ने कुबूल किया कि इन्हीं दोनों ने अपने दो साथियों के साथ मिलकर 12 मई 2017 को राजाराम को मौत की नींद सुलाया था।
एसएसपी ने बताया कि पकड़ी गई महिला मृतक की पत्नी है। उसने कबूला है कि शादी के बाद से ससुराल के पड़ोस में रह रहे पनारू से उसका मेल-जुल हुआ और मुलाकात इश्क में तब्दील हो गया। महिला आए दिन चोरी छिपे पकड़े गए आरोपी से मिला करती थी। जब इस बात की जानकारी उसके पति को हुई तो उसने जैतपुरा का मकान बेच दिया और परिवार के साथ सरनाथ रहने लगा। जगह बदलने के बाद भी आरोपी महिला नहीं मानी और पनारू से मुलाकात करती रही। जिससे हर रोज मृतक का उसकी पत्नी से विवाद होता था।
आगे बताते हुये कहा कि महिला ने तंग आकर सारी बात अपने आशिक और अपने भाईयों कमलेश व बाबू को बताया। अपने पति को रास्ते से हटाने की उसने योजना बनाई। जिसके बाद आरोपी पनारू ने महिला के दोनों भाइयों के साथ मिलकर उसकी हत्या कर दी। पनारू ने पूछताछ बताया कि पहले उन लोगों ने राजाराम को बभनपुरा गांव में ले जाकर शराब पिलाया और जब वो एकदम नशे में हो गया तो तीनों ने उसके चेहरे और गुप्तांग पर पत्थर से मारकर उसकी हत्या कर दी। उसका चेहरा पूरी तरह बिगाड़ दिया गया जिससे किसी को पता न चल सके।
लाश मिलने के चार महीने बाद उसकी शिनाख्त हुई। हत्यारोपी पत्नी ने बताया कि हत्या के बाद से जब भी उसके ससुर अपने बेटे के बारे में पूछते तो वो यह कर टाल देती की मृतक बाहर कमाने गया है। कुछ महीनों बाद आएगा। पुलिस किसी तरह से मृतक के परिजनों तक पहुंची। उसकी बहन और बेटियों द्वारा एक सितम्बर को उसके कपड़े और माला के आधार पर उसकी पहचान की गई। हत्यारोपियों का नाम सामने आने के बाद पुलिस निरंतर उनकी तलाश में छापे मार रही थी।
पुलिस ने बताया कि अपराध में शामिल हत्यारोपी पत्नी मोनी के दो भाई कमलेश और बाबू निवासी पैगम्बरपुर सारनाथ अभी फरार चल रहे हैं। पुलिसिया दावा है कि उन्हें भी जल्द अरेस्ट कर लिया जाएगा। गिरफ्तारी करने वालो में थाना प्रभारी ओम नारायण सिंह के साथ उनकी टीम शामिल रही।