मलेशिया ने सऊदी गठबंधन से बाहर निकाले सैनिक, यमन ने फ़ैसले का किया स्वागत
मो आफ़ताब फ़ारूक़ी
यमन के विदेश मंत्रालय ने सऊदी गठबंधन से अपने सैनिक बाहर निकालने के मलेशिया के फ़ैसले का स्वागत किया है।यमन में विदेशी मामलों के मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि हम मलेशिया के फ़ैसले का स्वागत करते हैं। मलेशिया के रक्षा मंत्री मुहम्मद साबो ने गुरुवार को घोषणा की थी कि उनका देश सऊदी अरब से अपने सैनिकों को वापस बुला रहा है और यमन के ख़िलाफ़ युद्ध में लिप्त गठबंधन से अपना सहयोग समाप्त कर रहा है।
मुहम्मद साबो ने कहा कि हम इस्राईल के अलावा सबसे अच्छे संबंध रखना चाहते हैं और किसी भी युद्ध में शामिल होना हमारी नीति नहीं है। यमन के विदेश मंत्रालय के अधिकारी ने सबा न्यूज़ एजेंसी से बातचीत में कहा कि मलेशिया की सरकार के फ़ैसले से साफ़ पता चलता है कि इस देश का नया नेतृत्व समझदार है जो इस्लामी जगत से अपने संबंधों की रक्षा करना चाहता है।
यमन के अंसारुल्लाह आंदोलन के वरिष्ठ अधिकारी मुहम्मद अली अलहौसी ने भी मलेशिया के निर्णय का स्वागत करते हुए कहा कि हम यह भी चाहते हैं कि मलेशिया की सरकार इस बात की भी घोषणा कर दे कि उसने अपने सैनिकों को वापस बुलाने का फ़ैसला क्यों किया।
यमन के विदेश मंत्रालय के अधिकारी ने अन्य देशों से भी कहा कि वह सऊदी अरब के गठबंधन में शामिल रहने के अपने फ़ैसले पर पुनरविचार करें। जहां मलेशिया ने अपने सैनिकों को वापस बुलाने की घोषणा कर दी है वहीं सूडान में भी यह मांग ज़ोर पकड़ रही है कि यमन युद्ध में शामिल सूडानी सैनिकों को वापस बुलाया जाए। सूडान के कुछ किराए के सैनिक सऊदी अरब की ओर से यमन में युद्ध कर रहे हैं जिसके दौरान सैकड़ों की संख्या में सूडानी सैनिक मारे जा चुके हैं।