इराक़ में सऊदी की दूसरी हार
आफताब फारुकी
इराक में सद्र धड़े के नेता ” मुक़तदा सद्र” और अलफत्ह गठजोड़ के प्रमुख ” हादी अलआमेरी” ने बल दिया है कि उनमें, संसद में अधिक व्यापक गठजोड़ के गठन के लिए सहमति बन गयी है। इराक़ में संसदीय चुनाव गत 12 मई को आयोजित हुए थे जिसके बाद इस देश में गृहयुद्ध छेड़ने या कम से कम राजनीतिक संकट पैदा करने की साजिशें शुरु हो गयी थीं लेकिन इसी मध्य सद्र धड़े के नेता ” मुक़तदा सद्र” और अलफत्ह गठजोड़ के प्रमुख ” हादी अलआमेरी” ने संसद में अधिक व्यापक गठजोड़ के गठन के लिए सहमति बनने की सूचना दी जिसकी वजह से इस देश में राजनीतिक तना तनी कामी हद तक कम हो गयी।
इराक़ में सत्ता की संरचना कुछ इस प्रकार से है कि इस देश में चुनाव आयोजित होने से पहले की ही भांति, चुनाव आयोजित हो जाने के बाद भी विभिन्न दलों में कड़ी टक्टर देखने को मिलती है लेकिन अब सायरून और अलफत्ह गठबंधनों में सहमति उन षडयंत्रों की विफलता का प्रमाण हैं जिनमें इराक के दो शिया गठबंधनों के बीच मतभेद की बात कही जा रही थी। सद्र गठजोड़ के प्रवक्ता जाफर अलमूसवी ने कहा कि इस गठबंधन ने इराक़ में गृह युद्ध के विचार को गलत साबित कर दिया जो चुनाव में हारे हुए पक्षों की ओर से पेश किया जा रहा था।
शिया गठजोड़ों के मध्य गठबंधन की घोषणा विशेष रूप से सऊदी अरब के लिए बहुत बड़ी नाकामी है जो इराक में शिया समूदाय के मध्य फूट डालने के षडयंत्र पर बहुत दिनों से काम कर रहा है। यही वजह है कि ” सदलखलीज” नामक समाचार पत्र ने एक सऊदी अधिकारी के हवाले से लिखा है कि सऊदी नेता, इराक़ की राजनीति में हालिया परिवर्तनों और सद्र व आमेरी के मध्य गठबंधन से बेहद गुस्से में हैं और इसे हिज़्बुल्लाह और उसके सहयोगियों से लेबनान में पराजय के बाद , सऊदी अरब की दूसरी बड़ी हार समझ रहे हैं।