लेट होते मानसून से किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें,सूखे की मार से बढ़ेगी मंहगाई
प्रदीप दुबे विक्की
औराई भदोही-समय से पहले ही आने का आभास दे रहा मानसून माने तो अब ठहर सा गया है ।कृषि प्रधान पूर्वांचल के इस क्षेत्र में वैसे तो मानसून का आभास 15 जून तक हो जाता था ,लेकिन अब मानसून लगभग 10 दिनों तक विलंब हो चुका है । यह मानसून न जाने अब कितने दिनों में सक्रिय होगा ,इसका सिर्फ अंदाजा ही लगाया जा सकता है। मगर जितने दिनो की और देरी होगी । किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें और भी गहरी होगी। मानसूनी बादलों की सक्रियता भी थमने की वजह से अब धान की पौध पर सूखे की मार पड़ने की आशंका है ।जितने दिन मानसून देर होगा उतना ही फसल का उत्पादन प्रभावित होगा और महंगाई भी बढ़ेगी। लिहाजा इन सभी का खामियाजा आम जनता को ही भुगतना पड़ेगा।
विशेषज्ञों का मानना है कि फिलहाल मानसून लेट होने से बहुत ज्यादा नुकसान नहीं है । मगर हां यदि 26 जून के बाद भी मानसून में विलंब होता है तो कुल औसत का 20.25 प्रतिशत तक किसानों की उपज प्रभावित होगी । यह भी बताया कि लंबी अवधि वाली प्रजाति की नर्सरी लग जानी चाहिए थी, लेकिन मानसून में विलंब होने से यह प्रभावित हो रही है ।छोटी और मध्यम अवधि वाली प्रजाति की नर्सरी 20 जून के बाद ही लगती है । लिहाजा मानसून सक्रिय हुआ तभी राहत की उम्मीद होगी।