वाराणसी – बीच सड़क बनी अवैध ट्रक पार्किंग का अड्डा, बंद है आदमपुर पुलिस की आँखे.

सड़क पर पार्क रहते है हमेशा ऐसे ही लोडर ये जगह इन छोटे वाहनों हेतु एक प्रकार से रिज़र्व है

तारिक आज़मी.

वाराणसी. भले ही वाराणसी जाम की समस्या से निजात पाने के लिये जितना भी तड़पता रहे मगर यहाँ स्थानीय पुलिस प्रशासन की अनदेखी समस्याओ को विकराल रूप दिया करती है. आप वाराणसी के कोतवाली थाना क्षेत्र के बिशेश्वरगंज से लेकर आदमपुर क्षेत्र के मछोदरी पुलिस चौकी तक रात दस के बाद अपना वाहन लेकर नहीं जा सकते है. कारण साफ़ है कि बीच सड़क पर ट्रको को खड़ा करके होने वाली लोडिंग और अनलोडिंग. बोलने वाला कोई है नहीं. स्थानीय प्रशासन आँख बंद करके रखे रहता है. कहने को फैंटम रात भर इलाके में गश्त किया करती है. मगर कैसी गश्त होती होगी और उसका कारण क्या होता होगा आप आसानी से समझ सकते है. हम अपनी इस सीरिज़ में इस इलाके के बारे में विस्तार से बतायेगे. आज हम आपको लिये चलते है आदमपुर थाना क्षेत्र के मछोदरी इलाके में.

इस स्थान पर हमेशा ट्रक खडी रहती है. रविवार को इनकी संख्या कम होती है अन्य दिनों में अधिक रहती है

जिला मुख्यालय से लगभग तीन किलोमीटर की दुरी पर शहर का एक हिस्सा है मछोदरी पार्क. जब आप मैदागिन से इस तरफ आते है तो सीधे एक रास्ता स्वामी नारायण मंदिर होते हुवे जाता है. जबकि बाये तरफ का रास्ता मछोदरी कुड़ेखाने और नवनिर्मित धोबीघाट होते हुवे मछोदरी पुलिस चौकी के आगे से वापस मछोदरी तिराहे पर मिल जाता है. इस मार्ग की कहने को तो सड़के काफी प्रयासों के बाद बन गई है मगर आप इसका उपयोग चलने के करने में परहेज़ करेगे. कारण है यहाँ अवैध रूप से खड़े रहने वाले ट्रक.

रास्ते में कुड़ेखाने से लेकर मछोदरी पॉवर हाउस तक हर वक्त कई ट्रक अवैध रूप से सड़क पर ही खड़े रहते है, यही नहीं ट्रको के साथ छोटे लोडर भी पार्क रहते है जो हर वक्त अपनी जगह घेरे रहते है. इसके अलावा बची खुची जगह पर रिक्शा मालिक अपने स्टैंड बना रखे है साथ ही कुछ ई रिक्शा भी जुगाड़ से चार्ज हुआ करते है. अवैध अतिक्रमण में यहाँ कुछ दुकाने है जो सड़क पर रख कर अलमारी तक बेचते है. क्षेत्रीय चर्चाओ के अनुसार मछोदरी पुलिस चौकी पर पकड़ रखने के कारण इन लोगो को ये विशेष अनुमति मिल जाती है और इनको कोई रोकने टोकने वाला नहीं है.

मछोदरी चौकी इंचार्ज साहब के आँखों के सामने की दुरी पर होती ये अवैध पार्किंग पर चौकी इंचार्ज साहब की नज़र नहीं पड़ती या फिर उनकी नजर-ए-इनायत है ये तो वही बता सकते है मगर चाय पान की दुकानों पर जारी चर्चा को आधार माना जाये तो ये विशेष नजर-ए-इनायत ही है. इस मार्ग का उपयोग कभी कोई अधिकारी नहीं करता है तो इस काम को और बल मिल जाता है. पूरी सड़क को अवैध पार्किंग के तौर पर इस्तिमाल किया जा रहा है और पुलिस मूकदर्शक बनी बैठी रहती है. यही नहीं साहब, लोडर और रिक्शा वाले का बना गैरेज के खिलाफ बोलने वाले की बोली तक बंद करवा दिए जाने की धमकिया यहाँ रिक्शे वाले और उस रिक्शे का मालिक खुल्लम खुल्ला दे देता है. पास के कसाई बस्ती के रहने वाले इन रिक्शा मालिको से मुह लगना अपनी जान पर आफत बुलवा लेना एक जैसा ही है.

ये है रिक्शो हेतु रिज़र्व जगह जहा हर वक्त रिक्शे खड़े रहते है. special parking

अब देखना होगा कि उच्च अधिकारियो के आँखे से बचा यह गोरखधंधा कब बंद होता है. कब स्थानीय चौकी इंचार्ज महोदय की यह इनायत की नज़र ख़त्म होती है और सडको पर खुल्लम खुल्ला कब्ज़ा किये इन लोगो से सडको को खाली करवाते है. मुख्य देखने वाली बात तो ये होगी कि आखिर सड़क पर वाहन पार्किंग पर पुलिस इनका चालान क्यों नहीं करती है इस सम्बन्ध में कब जाँच होगी. जो तस्वीरे आप देख रहे है वह सब तस्वीरे आज की है जब सभी आस पास के ट्रांसपोर्ट बंद है. यानि ये वाहन शुक्रवार से ऐसे ही खड़े है और लगातार खड़े रहेगे,.

कल हम आपको बतायेगे कैसे कोतवाली क्षेत्र के बिशेश्वरगंज से आप रात को जा ही नहीं सकते है.

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