उत्तर मध्य रेलवे ने चार घंटे मेगा ब्लॉक लेकर किया अनुरक्षण कार्य
आफ़ताब फ़ारूक़ी
इलाहाबाद। उत्तर मध्य रेलवे में महाप्रबंधक की सलाह पर ‘मेगा ब्लॉक’ की अवधारणा को भारतीय रेल मंे हाल ही में प्रारंभ किया गया है। सप्ताह में एक बार आयोजित होने वाले ऐसे मेगा ब्लॉक के दौरान इंजीनियरिंग, विद्युत और सिग्नलिंग इत्यादि जैसे विभिन्न विभागों के रखरखाव कार्यों के लिये विभिन्न मेंटीनेंस डिपो से मानव और मशीनों सहित अन्य संसाधनों को इकठ्ठा कर एक साथ काम किया जाता है।
मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी ने बताया है कि संरक्षित रेल संचालन और एसेट रिलायबिलिटी को सुनिश्चित करने के लिये एसेट और उपकरणों जैसे रेलवे ट्रैक, प्वाइंट और क्रॉसिंग, ओवरहेड विद्युत उपकरण और सिग्नलिंग उपकरण आदि का नियमित अनुरक्षण आवश्यक है। ये अनुरक्षण कार्य ब्लॉक लेकर किए जाते हैं, जो उत्तर मध्य रेलवे के बहुत अधिक सेचुरेटेड रेल मार्गों पर सामान्य ट्रेन संचालन को प्रभावित करते हैं। उन्होंने बताया कि रविवार को इलाहाबाद मंडल के छिवकी-मानिकपुर खंड पर एक ऐसा ही मेगा ब्लॉक आयोजित किया गया। ब्लॉक समय 11.30 से 15.30 बजे तक निर्धारित किया गया था। ब्लॉक अवधि के दौरान सेक्शन में विभिन्न निर्धारित अनुरक्षण कार्यों को पूरा कर लिया गया। इन कार्यों में खंड के संवेदनशील लिंक जं यार्ड मे वेल्डिंग सहित थ्रू रेल रिन्यूवल और क्रॉसिंग रिन्यूवल कार्य, इरादतगंज और कटैया डांडी यार्ड में स्विच नवीकरण, मानिकपुर यार्ड में कम्पलीट टर्नआउट रिन्यूवल कार्य के तहत 52 से 60 किलो में परिवर्तन, डभौरा यार्ड में यूनिमैट मशीन का उपयोग करके ट्रैक अनुरक्षण और पैकिंग कार्य, ओवरहेड विद्युत उपकरण रखरखाव कार्यं के तहत लिंक जं.इरादतगंज एवं जसरा यार्डों और मदरहा- लोहगरा, लोहगरा-बेवरा और बेवरा-शंकरगढ़ खंडों में किये गये अनुरक्षण जैसे प्रमुख कार्यों सहित अन्य कार्यों को पूरा किया गया।
महाप्रबंधक एम सी चैहान ने कहा कि किसी भी खंड में मेगा ब्लॉक से सेक्शन की आवश्यकताओं के लिए ध्यान केंद्रित करने में मदद मिलती है और निर्धारित समय सीमा में सभी लक्षित कार्यों को पूरा किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि अनुरक्षण के लिए पूर्व निर्धारित और अच्छी तरह से योजनाबद्ध ब्लॉक के आयोजन से ब्लॉक अवधि के दौरान ट्रेन ऑपरेशन में प्रस्तावित परिवर्तनों की योजना पहले ही बनाई जा सकती है और इससे उसकी सार्वजनिक रूप से घोषणा करने का भी मौका मिल जाता है, जिससे यात्रियों की परेशानी कम हो जाती है क्योंकि वे अपनी यात्रा योजनाओं को भी आवश्यकताओं और उपलब्धता के अनुरूप बदल सकते हैं।