समाजसेवी मो आरिफ के प्रयास से अज्ञात अधेड़ का शव परिजनों तक पहुंचा

आफ़ताब फ़ारूक़ी

इलाहाबाद। एक बार फिर समाजसेवी का प्रयास रंग लाया। अज्ञात और गुमशुदा के लिए काफी दिनो से काम कर रहे मो. आरिफ ने एक बार फिर अंतिम समय में अधेड़ को अपनों का कंधा नसीब करा ही दिया। जबकि पुलिस ने अज्ञात में शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज कर शांत बैठ गई थी।
जानकारी के अनुसार कनर्लगंज थाना क्षेत्र के बैंक रोड पर १३ जुलाई को लोगों ने सड़क किनारे एक अधेड का शव देखा और पुलिस को खबर दी। पुलिस मौके पर पहुंची उसके पहले यहां भीड़ जमा हो चुकी थी। पुलिस ने यहां शव का शिनाख्त कराने का प्रयास किया लेकिन उसकी पहचान कोई नहीं कर सका। पुलिस  ने थकहार कर शव को अज्ञात में पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
इधर इस बात की जानकारी जब समाज सेवी मो. आरिफ को हुई तो उन्होने उसकी फोटो को व्हाटसएप गु्रप पर डाला। फोटो वायरल हुइं और कटरा के रहने वाले आशीष केसरवानी के मोबाइल पर जब यह फोटो पहुंची तो उसके होश उड़ गए। क्योंकि फोटो किसी और की नहीं उसके पिता ५५ वर्षीय आशोक केसरवानी पुत्र संत लाल की थी। वह भागकर परिजनों के साथ थाने पहुंचा और वायरल फोटो को दिखाया। इस पर पुलिस ने भी उसे एक फोटो दिखाई। अब उसे पक्का यकीन हो गया था कि शव किसी और का नही उसके ही पिता का है। वह पुलिस के साथ पोस्टमार्टम हाउस पहुंचा जहां शव की शिनाख्त अपने पिता अशोक कुमार केसरवानी के रूप में की।
शव के शिनाख्त के बाद उसने समाजसेवी मो. आरिफ को धन्यवाद दिया। उसने पुलिस को बताया कि उसके पिता अशोक कुमार केसरवानी हलवाई का काम करते थे और अक्सर शादी समारोह में जाने के कारण दो तीन दिन बाद ही लौटा करते थे। मौत की पुष्टि हो जाने के बाद परिजनों का रो रो कर बुरा हाल हो गया था। परिवार में उसकी पत्नी कुसुम देवी के अलावा दो पुत्रियां और एक पुत्र है। मौत की खबर पर कटरा के व्यापारी भी पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे थे।

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