साहब मेरा क्या था कसूर ? बेकसूर ठेले वाले का जो बेहरमी से पुलिस ने पीटा
आफताब फारुकी
इलाहाबाद। दो वक्त की रोटी के लिए ठेला लगाने वाले युवक का क्या कसूर था जो चार दिन पूर्व सिविल लाइंस चैकी इंचार्ज व एक सिपाही ने बेरहमी से पीटा। जबकि बिग बजार के समीप लगभग सौ ठेले पुलिस के ही रहेमो करम पर चल रहें है।
कीडगंज मोहल्ले का एक बेरोजगार युवक मनोज रजक जीवन यापन करने के लिए चालीस हजार कर्ज लेकर किसी तरह एक ठेले का इंतजाम किया और सिविल लाइंस में स्थित बिग बाजार से लगभग दो सौ मीटर दूर देसी चिकन के नाम से बिगत कुछ दिनों दुकान चलाने लगा। 22 जुलाई की शाम मनोज रजक अपनी दुकान पर ग्राहकों कुछ सामान दे रहा था, इस बीच सिविल लाइंस चौकी प्रभारी व हवलदार वहां पहंुचे और रौउडी रूप में ठेले का तहस-नहस कर दिया और उसे अपने वैन में बैठाकर चैकी ले गये। वहां पर प्लास्टिक के डण्डे से एक घंटे पिटाई किया। पुलिस की पिटाई से दहशत आया बेरोजगार मनोज न्याय के लिए मुख्यमंत्री को शिकायती पत्र भेजा है।
हालांकि इस वारदात की जानकारी सिविल लाइंस इंस्पेक्टर को नहीं है। उनका कहना है कि हाईकोर्ट व नगर निगम का कड़ा निर्देश है कि एक भी ठेला सिविल लाइंस में नहीं लगना चाहिए।