बायोमीट्रिक हाजिरी व वायस रिकार्डिंग वाले कालेज ही बनेंगे यूपी बोर्ड के परीक्षा केंद्र
कनिष्क गुप्ता
इलाहाबाद। यूपी बोर्ड ने 2019 में हाईस्कूल व इंटरमीडिएट परीक्षा का केंद्र निर्धारण की शर्तें और कड़ी कर दी हैं। माध्यमिक कालेजों की व्यवस्था सुधारने के लिए शासन ने जो निर्देश दे रखा है, उन्हें एक-एक कर केंद्र निर्धारण की शर्त में जोड़ दिया गया है। अब सिर्फ कालेजों में सीसीटीवी होने भर से ही काम नहीं चलेगा, बल्कि उसमें वायस रिकॉर्डर होना भी जरूरी है, ताकि परीक्षा के दौरान बोलकर नकल कराने पर प्रभावी अंकुश लग सके।
माध्यमिक शिक्षा के अपर मुख्य सचिव संजय अग्रवाल ने बुधवार को परीक्षा केंद्र निर्धारण से संबंधित आदेश जारी कर दिया है। इसके 22 बिंदुओं में माध्यमिक कालेजों की सारी व्यवस्था खंगाली जा रही है। उनमें से अधिकांश बिंदु पिछले वर्ष ही अमल में आ गए थे लेकिन, इस बार कई नई सूचनाएं भी मांगी गई है। वायस रिकॉर्डर के अलावा कालेजों में बायोमीट्रिक हाजिरी पर विशेष जोर है।
इसमें सिर्फ शिक्षकों ही नहीं जिन कालेजों में छात्र-छात्राओं की भी इसके जरिये हाजिरी हो रही है, उन्हें केंद्र बनाने में वरीयता मिलेगी। विद्यालयों के मध्य दूरी की सूचना मैपिंग कराकर की जाएगी। कालेज की मैपिंग कराने के लिए यूपी बोर्ड मोबाइल एप वेबसाइट पर अपलोड करेगा। प्रधानाचार्य इस एप को स्मार्ट फोन में डाउनलोड करेंगे और कालेज परिसर में यूजर आइडी व पासवर्ड से लॉगइन करेंगे। ऐसा करते ही विद्यालय का अक्षांश देशांतर अपने आप परिषद की वेबसाइट सर्वर पर दर्ज हो जाएगा।
हर कालेज को शासनादेश में दी गई सारी आधारभूत सूचनाएं यूपी बोर्ड की वेबसाइट पर छह अगस्त तक अनिवार्य रूप से अपलोड करनी होगी। इसके बाद वेबसाइट बंद हो जाएगी। निर्देश है कि डीआइओएस सूचनाओं का भौतिक सत्यापन करके 31 अगस्त तक वेबसाइट पर अपलोड करेंगे। ज्ञात हो कि पिछले वर्ष कंप्यूटर से केंद्र निर्धारण होने पर करीब तीन हजार परीक्षा केंद्र घट गए थे। इस बार और कमी होने के आसार हैं, क्योंकि केंद्र की धारण क्षमता का पूरा सदुपयोग करने के कड़े निर्देश हैं।
जेडी को भी दे सकेंगे आपत्ति
केंद्र निर्धारण नीति में इस बार मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक यानी जेडी को भी जोड़ा गया है। कहा गया है कि डीआइओएस की अपडेट सूचनाओं पर यदि किसी प्रधानाचार्य को आपत्ति है तो वह 10 सितंबर तक जेडी के यहां आपत्ति देंगे। जेडी 25 सितंबर तक शिकायतों का निस्तारण डीआइओएस के ही माध्यम से कराएंगे। 25 तक सभी जिलों से आख्या सहित प्रमाणित प्रति यूपी बोर्ड मुख्यालय को भेजी जाएगी। इसके बाद ऑनलाइन केंद्र निर्धारण किया जाएगा।