ट्रांसपोर्ट हड़ताल से सब्जी और फलों पर भी मार

कनिष्क गुप्ता

इलाहाबाद : सात दिन से चल रही ट्रांसपोर्टरों की हड़ताल ने पहले तो व्यापारियों को हलकान किया। अब इसका असर आम जनता पर भी पड़ने लगा है। दुकानों में माल अब कम होने लगा है तो व्यापारी परेशान हैं, लेकिन फलों और सब्जियों की आवक जिस तेजी से घटी है। उससे आम जनता इन्हें महंगे में खरीदने को मजबूर हो रही है। ऐसे में हड़ताल को लेकर कारोबारी कई बार विरोध प्रदर्शन भी कर चुके हैं। फिलहाल ट्रांसपोर्टरों और सरकार के बीच अब तक कोई समझौता न हो पाने के कारण यह मुसीबत लंबी खिंचती नजर आ रही है।

नौ सूत्रीय मांगों को लेकर ट्रांसपोर्टर 20 जुलाई से हड़ताल पर हैं। इससे ट्रकों के चक्के भी थमे हुए हैं। बाहर से माल नहीं आ पा रहे हैं। इससे फुटकर और छोटे व्यापारी परेशान हो गए हैं। थोक एवं बड़े व्यापारियों के यहां जो माल पहले से स्टॉक है। धीरे-धीरे वह भी खत्म होता जा रहा है। ऐसे में अगर हड़ताल और लंबी खिंची तो उनके स्टॉक भी खत्म हो जाएंगे और उन्हें भी मुश्किलें होंगी। वहीं, ट्रकों के पहिए थमे होने से फलों और सब्जियों की आवक पर भी अब असर पड़ने लगा है। बताते हैं कि गुरुवार को मुंडेरा सब्जी मंडी में हर रोज की तुलना में सब्जियों के ट्रक करीब आधे ही आए। इससे फुटकर सब्जी मंडियों एजी ऑफिस, मीरापुर, गऊघाट, बलुआघाट, बक्शी बांध, अल्लापुर में सब्जियां महंगी होने लगी हैं। मांगें पूरी होने तक जारी रहेगी हड़ताल

इलाहाबाद ट्रांसपोर्ट यूनियन की बैठक ट्रांसपोर्टनगर में हुई। यूनियन के अध्यक्ष अनिल कुशवाहा की अध्यक्षता में हुई बैठक में तय हुआ कि जब तक मांगें स्वीकार नहीं हो जातीं। हड़ताल जारी रखी जाएगी। बैठक में बड़ी संख्या में ट्रांसपोर्टरों ने हिस्सा लिया। ट्रांसपोर्टरों की हड़ताल से फलों की आपूर्ति पर असर

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