आक्रोशित वकीलों ने तहसील में जड़ा ताला
कनिष्क गुप्ता
इलाहाबाद : 22 फरवरी से अब तक महज सात दिन कोर्ट चलने से शुक्रवार को मेजा तहसील के वकीलों का गुस्सा फूट पड़ा। वकीलों ने एसडीएम मेजा जे रिभा एम के तबादले की मांग को लेकर तहसील के सभी न्यायालयों सहित रजिस्ट्री कार्यालय में ताला जड़ दिया।
वरिष्ठ अधिवक्ता सुरेंद्र प्रसाद मिश्र की अगुवाई तालाबंदी की गई। बार के पदाधिकारियों ने इसका खुला समर्थन किया। बार के मंत्री रमेश बाबू मिश्र ने कहा कि जब तक एसडीएम का तबादला नहीं किया जाता काम नहीं होने दिया जाएगा। वकीलों का कहना है कि कोर्ट बंद रहने से वादकारियों को परेशानी हो रही है। बार के मंत्री रमेश बाबू मिश्र ने चेतावनी दी है कि जब तक एसडीएम का स्थानांतरण नहीं होगा कोर्ट नहीं चलने दिया जाएगा। दो दिन पहले बार के मंत्री राजेश्वरी प्रसाद मिश्र ने एसडीएम मेजा से बात की थी पर सुनवाई नहीं हुई। इस संबंध में एसडीएम मेजा जे रिभा एम से बात करने का प्रयास किया गया, लेकिन बात नहीं हो सकी।
22 फरवरी को तहसीलदार और वकीलों में हुई थी हाथापाई
दरअसल, 22 फरवरी को तहसीलदार कोर्ट में एक आदेश को लेकर वकीलों और तत्कालीन तहसीलदार विनय कुमार राय में हाथापाई हो गई थी। इस मामले में तहसीलदार के पेशकार सतीश शुक्ल ने वकीलों के खिलाफ कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराया था। इसी बात से नाराज वकीलों ने एसडीएम न्यायालय सहित तहसीलदार एवं नायब तहसीलदार न्यायालय में तालाबंदी कर दिया था। तत्कालीन एसडीएम शिवानी सिंह ने मामले को सुलझाने के लिए कई बार पहल की। हालांकि, उन्हें सफलता नहीं मिली थी। शिवानी सिंह के तबादले के बाद ¨रकी जायसवाल ने एसडीएम मेजा का चार्ज ग्रहण किया। उन्होंने कसी तरह से 18 मई को न्यायालय चालू कराया। इसी बीच 22 मई को ¨रकी जायसवाल का भी तबादला हुआ। इसके बाद 23 मई को आईएएस जे रिभा एम ने मेजा का चार्ज ग्रहण किया। इसके बाद से कोर्ट बंद चल रहा है।