शिक्षकों को मिले निःशुल्क चिकित्सा सुविधा
कनिष्क गुप्ता
इलाहाबाद : माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत शिक्षक-शिक्षिकाओं को निश्शुल्क चिकित्सा सुविधा समेत सात सूत्रीय मांगों को लेकर उ.प्र. माध्यमिक शिक्षक संघ ने शनिवार को जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय में धरना दिया। शिक्षक विधायक सुरेश त्रिपाठी ने कहा कि शासन को माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत शिक्षक-शिक्षिकाओं को निश्शुल्क चिकित्सा सुविधा एवं पुरानी पेंशन व्यवस्था को प्राथमिकता के आधार प्रदान करनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि यदि सरकार उपरोक्त मांगों को लेकर न चेती तो संघ आंदोलन करने में देरी नहीं करेगा। वरिष्ठ शिक्षक नेता महेश दत्त शर्मा ने कहा कि अपने अधिकारों के लिए हम संघर्ष जारी रखेंगे। प्रदेशीय मंत्री कुंज बिहारी मिश्र ने कहा कि वर्तमान में शिक्षकों की चिकित्सा जरूरतों को अवश्य पूरी करनी चाहिए। संघ के मंडल अध्यक्ष रमेश चंद्र शुक्ल ने शिक्षकों से पुरानी पेंशन बहाली के लिए किसी भी स्तर के आंदोलन को तैयार रहने की बात कही।
जिलाध्यक्ष राम प्रकाश पांडेय ने कहा कि शिक्षक-शिक्षिकाएं 20 अगस्त को लखनऊ पहुंचकर अपनी बातों को उठाएंगे। शिक्षक संघ ने अपनी सभी मांगों का ज्ञापन जिला विद्यालय निरीक्षक के माध्यम से प्रदेश के मुख्यमंत्री को प्रेषित किया। रमेशचंद्र शुक्ल, अनुज पांडेय, अनय प्रताप सिंह, शिवशंकर यादव, प्रमोद त्यागी, जगदीश प्रसाद, रेनू चंद्रा, सविता मिश्रा, डा. जय शर्मा, अशोक कुमार, रविंद्र त्रिपाठी, राम किशन, इबादउर्ररहमान, डा. वसीम अहमद, सतीश कुमार, वेद प्रकाश आदि शामिल रहे।
शिक्षक संघ की प्रमुख मांगे
वित्त विहीन शिक्षकों को समान कार्य-समान वेतन दिया जाए।
पहली अप्रैल 2005 के बाद नियुक्त शिक्षकों को पुरानी पेंशन मिले।
सभी शिक्षक-शिक्षिकाओं को निश्शुल्क चिकित्सा सुविधा मिले।
वर्ष 2016 से पूर्व सेवानिवृत्ति शिक्षको के पेंशन पुनर्निधारण पांचवें एवं छठवें वेतन आयोग के वेतनमान के आधार पर निर्धारित किया जाए।
शिक्षा विभाग के कार्यालयों में व्याप्त भ्रष्टाचार दूर किया जाए।
बालिका विद्यालयों में कार्यरत शिक्षिकाओं के लंबित प्रकरण को शीघ्र निपटाया जाए।
कंप्यूटर व व्यावसायिक शिक्षकों को नियमित करने की प्रक्रिया शुरू की जाए।