जिला अस्पताल बना है वाहन पार्किंग स्थल

यशपाल सिंह 

बलिया अस्पताल में जितनी संख्या मरीजों की नहीं होगी उससे कहीं अधिक दो पहिया गाड़िया बाहर से अंदर तक खड़ी रहती है। अस्पताल परिसर से लगायत वार्डो तक मोटरसाईिकलों के खड़ी रहने से मरीजों-तीमारदारों के साथ ही डॉक्टरों व कमर्चारियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

दरअसल जिला अस्पताल में वाहन स्टैण्ड की व्यवस्था होने के बावजूद लोग जहां-तहां गाड़ियों को खड़ी कर देते है। कई बार स्थिति यह हो जाती है कि पुरा परिसर वाहनों से भर जाता है लिहाजा लोगों को आने-जाने में कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है। सूत्रों की मानें तो इधर कुछ दिनों से बाइकों को लोग नये अस्पताल भवन के बरामदें व वार्डो में खड़ा कर रहे है। अस्पताल भवन में प्रवेश करते ही बड़े हाल के एक तरफ पैथालॉजी तथा दुसरी ओर एक्स-रे व अल्ट्रासाउंड होता है। बरामदें का प्रयोग रोगियों तथा उनके साथ मौजुद लोगों को बैठने के लिये होता है, लेकिन दो पहिया वाहनों के खड़ा होने से लोगों को काफी असुविधाएं हो रही है। अस्पताल के लोगों का कहना है कि पहले रात के समय कुछ लोग रैप के सहारे गाड़ियों को प्रथम तल पर स्थित हड्डी वार्ड, द्वितीय तल पर स्थित सर्जिकल तथा तृतिय तल के बच्चा वार्ड में लेकर चले जाते थे। हालांकि वह गड़िया सुबह होने से पहले नीचे उतार ली जाती थी, परन्तु कुछ दिनों से दिन में ही मोटरसाईिकलें अस्पताल के वार्डो में ले जाकर खड़ी कर दी जा रही है।

जानकारों का कहना है कि इससे परेशानी तो भर्ती मरीजों संग डॉक्टरों व कर्मचारियों को भी हो रही है, लेकिन विवाद होने के भय से वह किसी को कुछ भी कहने से बचते है। लोगों का कहना है कि अस्पताल से चोरी हो रही मोटरसाईिकलों की घटना को देखते हुए कुछ लोग अपने वाहनों को सुरक्षित रखने के लिये यह फार्मूला अपना रहे है। सवाल यह है कि चोरी से बचाने के लिये मोटरसाईिकलों को बरामदें व वार्डो में ले जाकर खड़ा पड़ता है

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