खतौनी पुनरीक्षण एवं अंश निर्धारण की समय सारणी जारी, जिले की सभी तहसीलों के कुल 319 गांवों में होना है गाटावार अंश निर्धारण

मु० अहमद हुसैन / जमाल

बलिया : उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता नियमावली के अंतर्गत जिलाधिकारी भवानी सिंह ने समस्त तहसीलों के चिन्हित गांवों की खतौनी के पुनरीक्षण तथा खतौनी में प्रत्येक खातेदारों या सहखातेदारों के गाटों के अंश निर्धारण की समय सारणी निर्धारित करते हुए उसके अनुसार अंश निर्धारण कार्यक्रम चलाने का निर्देश दिया है।

शासन द्वारा निर्धारित समय सारणी के अनुसार चिन्हित राजस्व ग्रामों की खतौनी में दर्ज खातेदार या सह खातेदार के खातावार एवं गाटा नंबरवार अंश को प्रारंभिक रूप से खाते जा रहा हूं यह खातेदारों/सहखातेदारों एवं ग्राम राजस्व समिति के परामर्श से लेखपाल द्वारा आकार पत्र तैयार किए जाने का कार्य 16 जुलाई से 31 अगस्त तक होगा। इसके बाद 30 सितम्बर तक राजस्व निरीक्षक द्वारा समस्त खातेदारों एवं सह खातेदारों को नोटिस जारी कर लेखपाल के माध्यम से तामील कराया जाएगा। अंश निर्धारण के संबंध में अगर कोई आपत्ति हो तो खातेदार या सहखातेदार एक अक्टूबर से 31 अक्टूबर तक जरूरी अभिलेखों या प्रमाणों के साथ संबंधित लेखपाल राजस्व निरीक्षक या रजिस्ट्रार कानूनगो को प्राप्त करा सकेंगे। एक नवंबर से 30 नवंबर तक राजस्व निरीक्षक ग्राम राजस्व समिति से परामर्श कर स्थानीय स्तर पर जांच पड़ताल एवं पक्षों के मध्य सुलह समझौते के आधार पर आपत्तियों का निस्तारण करने के बाद अंश निर्धारण का आदेश पारित करेंगे। खातेदार या सहखातेदार की निस्तारित आपत्तियों को राजस्व संहिता की धारा 116 के अंतर्गत उपजिलाधिकारी के पास निर्णय के लिए अग्रसारित करने की तिथि एक दिसम्बर से 15 दिसंबर तक निर्धारित की गई है।
अपर जिलाधिकारी मनोज कुमार सिंघल ने इस संबंध में समस्त एसडीएम को निर्देश दिया है कि अंश निर्धारण कार्यक्रम जिन गांवों में होना है उसकी सूची तहसील ब्लॉक तथा संबंधित ग्राम पंचायत पर चस्पा कराना सुनिश्चित किया जाए।

सबसे ज्यादा सदर तहसील के 132 राजस्व ग्राम

– डीएम भवानी सिंह खंगरौत ने बताया कि अंश निर्धारण कार्यक्रम में सबसे ज्यादा सदर तहसील के 132 राजस्व गांव हैं। इसी तरह रसड़ा तहसील के 68, सिकंदरपुर तहसील के 26, बांसडीह तहसील के 47, बेल्थरा रोड तहसील के 34 तथा बैरिया तहसील के 12 राजस्व ग्रामों में खतौनी के पुनरीक्षण तथा खातेदारों या सहखातेदारों के घाटों के अंश का निर्धारण किया जाना है। बताया कि इन राजस्व ग्रामों की सूची तहसील व ब्लाक मुख्यालय के साथ ग्राम पंचायत में भी चस्पा है।

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