इस बार भीड़ तंत्र ने वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता स्वामी अग्निवेश को पीटा
एक तरफ जहा देश की सर्वोच्च न्यायालय ने भीड़ तंत्र पर चिंता जताया है वही दूसरी तरफ आज लोकतंत्र की हत्या एक बार फिर भीड़ तंत्र ने कर डाला. हमारा संविधान ये इजाज़त देता है कि हम अपनी अभिव्यक्ति कर सकते हैं मगर अचाहन कुछ माहोल देश के अन्दर कतिपय लोगो द्वारा बनाया जा रहा है जिसे अभिव्यक्ति की आज़ादी पर खतरा मंडराने लगा है. ऐसा लगता है कि इस भीड़ तंत्र के मसीहा से पूछ कर बोलना होगा कि क्या बोले जिससे ये भदेस भीड़ हमको अपना निशाना न बना सके.
अब मौजूदा मामले में ही देख ले कि कहने को देश में अभिव्यक्ति की आज़ादी है मगर इसी देश के अन्दर एक सामाजिक कार्यकर्ता को भीड़ तंत्र सिर्फ एक कारण पिटाई कर दिया क्योकि भीड़ तंत्र को उनका बयान नहीं पसंद आया और उन्होंने सवामी अग्निवेश की पिटाई कर दिया है,
झारखंड के पाकुड़ जिले में बीजेपी युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने मंगलवार को सामाजिक कार्यकर्ता स्वामी अग्निवेश की पिटाई कर दी. बीजेपी युवा मोर्चा के कार्यकर्ता स्वामी अग्निवेश के दौरे का विरोध कर रहे थे और ‘अग्निवेश गो बैक’ के नारे लगा रहे थे. विरोध प्रदर्शन और काला झंडा दिखाने से शुरू हुआ मामला सिर्फ धक्का-मुक्की तक ही नहीं, बल्कि लात-जूतों तक पहुंच गया. स्वामी अग्निवेश को धकेल कर नीचे गिरा दिया. उनके कपड़े फाड़ दिए गए, पगड़ी खोल दी गई. इस दौरान बीजेपी युवा मोर्चा कार्यकर्ताओं ने स्वामी अग्निवेश के खिलाफ नारे लगाए- जय श्री राम, अग्निवेश भारत छोड़ो, अग्निवेश पाकुड़ में नहीं रहना होगा.
दरअसल स्वामी अग्निवेश मंगलवार को पाकुड़ जिले के लिट्टीपाड़ा में पहाड़िया समुदाय की एक सभा को संबोधित करने वाले थे. यह सभा अखिल भारतीय आदिम जनजाति विकास समिति दामिन दिवस के 195वें वर्षगांठ पर आयोजित की गयी थी. इस सभा के पहले उन्होंने एक प्रेस कांफ्रेंस को भी संबोधित किया. इसमें उनके दिए बयानों से नाराज कार्यकर्ताओं ने स्वामी अग्निवेश के होटल से बाहर निकलते ही उनपर हमला कर दिया. इससे पहले उनके पाकुड़ पहुंचते ही आरएसएस और बीजेपी से जुड़े कार्यकर्ताओ ने उनका विरोध किया था और काले झंडे दिखाए थे.
बताया जा रहा है कि इस सभा में अग्निवेश के भाषण से युवा मोर्चा के कार्यकर्त्ता खफा थे. उन्होंने आरोप लगाया कि अग्निवेश ईसाई मिशनरी के इशारे पर आदिवासियों को भड़काने का काम कर रहे हैं. भगवा कार्यकर्ताओं ने अग्निवेश गो बैक के नारे लगाए. ये कार्यकर्त्ता बाद में होटल के सामने धरने पर भी बैठे.
स्वामी अग्निवेश पर हमले की खबर मिलते ही पाकुड़ के पुलिस अधीक्षक भारी पुलिस बल के साथ घटनास्थल पर पहुंचे और स्वामी अग्निवेश को भीड़ के चंगुल से छुड़ाकर अस्पताल पहुंचाया. पुलिस का कहना है कि स्वामी अग्निवेश पर हमले के दोषी लोगों की पहचान की जा रही है. पुलिस अधीक्षक शैलेन्द्र बरनवाल ने कहा कि जो दोषी पाए जायेंगे उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. उधर स्वामी अग्निवेश ने अपने ऊपर हमले की न्यायिक जांच की मांग की है.