मेरठ पुलिस – वाह साहब आरोपी बैठा है कुर्सी पर, पीडिता खडी होकर सुना रही है दुखड़ा, फिर भी न दर्ज हुआ मुकदमा

ये है थाना सदर बाज़ार

समर रुदौलवी.

मेरठ. कहते है कि पुलिस का अगर वरदहस्त हो सर पर तो कोई भी अपराध करके चौड़ा होकर थाने चौकी पर बैठा रह सकता है. ये कही सुनी बाते आज मेरठ के सदर बाज़ार थाना परिसर में देखने को मिली जब महिला के साथ अभद्रता, अश्लील इशारे और धक्का मुक्की कर गालिया देने का आरोपी बुड्ढा और उसका दबंग बेटा थाने पर कुर्सी पर टांग पर टांग चढ़ा कर बैठा रहा और पीडिता महिला और उसके साथ घटना की गवाही देने आये क्षेत्रीय नागरिक खड़े रहे. जनता का दबाव देख थाने पर आन ड्यूटी अधिकारी ने पीडिता का प्रार्थना पत्र तो ले लिया मगर समाचार लिखे जाने तक अपराध पंजीकृत नहीं किया है.

आरोपी सतबीर सिंह कुर्सी पर आराम से बैठा रहा और पीड़ित महिला खडी होकर सुनाती रही दुखड़ा वह रे मेरठ पुलिस

घटना के सम्बन्ध में प्राप्त समाचार पीडिता के बयान और प्रत्यक्षदर्शियो के अनुसार मेरठ के बागपत रोड पर रहने वाली समाजसेवी महिला आज दोपहर बाद 139, बीसी लाइन्स स्थित बंगले पर एक महिला के बुलाने पर गई थी. मामला छावनी परिषद की भूमि पर आपदा में गिरी छत की टीन शेड बदलवाने का था, मौके पर पहुची महिला समाजसेवी अभी मामले को जान ही रही थी कि तभी उसी बंगले में रहने वाला रिटायर्ड खाद्य अधिकारी ने महिला समाजसेवी को भद्दी भद्दी गालिया देना शुरू कर दिया और उसको धक्का दे दिया. पीडिता का आरोप है कि उसने अश्लील हरकते भी उसके साथ किया. यह घटना देख आस पास भीड़ इकठ्ठा हो गई और सतबीर का विरोध करने लगी, अपना विरोध होते देख सतबीर भाग कर अपने घर में चला गया.

इन्साफ की उम्मीद में खडी महिलाये, आराम से कुर्सी पर बैठा आरोपी

पीडिता के आरोपों और प्रत्यक्षदर्शियो के अनुसार पीडिता को लेकर क्षेत्र के लोग मौके से सदर थाने पहुच गये जहा सतबीर अपने दबंग बेटे के साथ आया और दरोगा के सामने पड़ी कुर्सी पर बैठा रहा. पीडिता ने अपने साथ हुई घटना के समबन्ध में स्थानीय थाने पर मौजूद अधिकारी को सब बाते बताई और लिखित शिकायत दिया. जिसके लिये मौके पर गवाही देने के लिये काफी लोग मौजूद थे. इस दौरान आरोपी सतबीर का बचाव करते दरोगा जी भी नज़र आये और उन्होंने पीडिता को काफी समझाने का प्रयास किया कि एक बुड्ढा आदमी क्या किसी महिला को छेड़ेगा.

पीड़ित महिला द्वारा दिला थाने पर शिकायती पत्र

दरोगा जी क्या प्रमाण पत्र  दे रहे है.

मौके पर मौजूद दरोगा संदगी राम यादव के बातो से ऐसा प्रतीत हो रहा था कि जैसे दरोगा जी पीड़ित को समझा बजा कर आरोपी को ख़ास राहत देना चाहते थे. उनके इस शब्दों से कुछ सवाल मन में उभर कर आ रहे है. दरोगा जी आप वाकई न्यायप्रिय है. एक 65-70 साल का बुड्ढा किसी को छेड़ नहीं सकता ये आपका अगर कहना है तो कृपया यह बताये कि आपके थाना क्षेत्र में ही अभी विगत पखवारे एक वृद्ध 80 वर्षीय भगवान स्वरुप को मासूम बच्ची से अश्लीलता करने के आरोप में पास्को सहित अन्य धाराओ में गिरफ्तार किया गया था. अब अगर आपकी बात सही है तो क्या 80 साल के बुड्ढे को आपने ऐसे ही जेल भेज दिया. अगर आपकी बात सही है तो फिर आपका आशा राम बापू के सम्बन्ध में क्या विचार है ?

आरोपी उठा रहा है ऊँची पहुच का फायदा.

पीडिता के आरोपों को अगर आधार माना जाये तो आरोपी की सपा सरकार में काफी ऊँची पहुच थी. इसी पहुच के बदौलत इसी बंगले में हुवे एक क़त्ल को भी छिपाया गया था और ऊँची जांच के बावजूद इनके सेहत पर असर नहीं पड़ा था.

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