एसटीपी प्लांट में हुए दर्दनाक हादसे के मामले में तीन इंजीनियरों को किया सस्पेंड

सरताज खान

गाजियाबाद / लोनी एसटीपी प्लांट में जहरीली मीथेन गैस की चपेट में आकर मरे तीन लोगों के मामले में जल निगम ने डाबर तालाब लोनी के मेन पंपिंग स्टेशन का सुपरविजन कर रहे तीन इंजीनियरों को सस्पेंड कर दिया है। तीन इंजीनियर अभी और राडार पर। साथ ही एसटीपी की देखभाल कर रही कंपनी इंवायरोकॉन को ब्लैकलिस्ट कर दिया है। गौरतलब है कि इस मामले की जांच जिलाधिकारी के निर्देश पर अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व कर रहे हैं।
रविवार को हुए दर्दनाक हादसे में डाबर तालाब कॉलोनी स्थित एसटीपी के टैंक की सफाई करने उतरे दोनों कर्मियों और फिर उन्हें बचाने उतरे एक अन्य युवक की मौत के बाद प्रशासन में हड़कंप मच गया था। तीनों ही बगैर किसी सुरक्षा उपकरणों के टैंक में उतरे थे।
गौरतलब है कि इस पंपिंग स्टेशन के संचालन का जिम्मा इंवायरोकॉन इंजीनियरिंग कंपनी के पास था। जल निगम के चीफ इंजीनियर जेके शुक्ला ने बताया कि इसकी मेंटनेंस के लिए कंपनी को एक करोड़ 20 लाख रुपए सालाना दिए जाते हैं। अब कंपनी को ब्लैकलिस्ट कर दिया गया है। साथ ही कंपनी के मालिक राकेश तोमर के खिलाफ लोनी थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है।
इस मामले में प्रथम दृष्टया जल निगम के अभियंता नीरज वर्मा, रामेश्वर कुमार व अवर अभियंता संतराम की लापरवाही मानी गई है। इन पर पंपिंग स्टेशन के सुपरविजन का जिम्मा था। जिलाधिकारी ऋतु माहेश्वरी ने कहा कि इस मामले में किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। इसकी जांच अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व सुनील कुमार सिंह को सौंपी गई है। अपर जिलाधिकारी जिला अधिकारी को बुधवार तक जांच रिपोर्ट सौंपेंगे।

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