इस बार भी रहेगा हज यात्रियों को पण्डाल का सहारा
जुनैद अहमद
वाराणसी। काशी से काबा की उड़ान 2018 को अब कुछ ही दिन शेष बचे है और यात्रियों का 18 से हज हाउस में आना भी शुरू हो जायेगा जबकि नवागत जिलाधिकारी सुरेन्द्र सिंह ने कार्यभार सम्भालते ही अपनी पहली बैठक हज यात्रा को लेकर 27 जून को हज यात्रा से जुड़े विभागों के साथ की थी।जिसमें 15 जुलाई तक अस्थाई हज हाउस बन जाने की बात सामने आई थी मगर अस्थाई हज हाउस संकुल और गौतम बुद्ध ट्रेड एण्ड एग्जीबिशन सेंटर(चौकाघट) में कार्य नगण्य के बराबर है।
वहा तैनात एनडीआरफ ने भी अपना समान हटा लिया है और आस्थाई हज हाउस में बाहरी हिस्से में शौचालय और मुख्य मैदान में,वजूखाना, दुकानें बन रही है और हज हाउस में तैनात विभिन्न कार्यालयो का बनना जारी है और अभी तक पण्डाल पूर्ण रूप से हाथ ही नहीं लगा है ऐसे में नवागत डीएम का फरमान और हज हाउस की रूप रेखा बनने में अगर देरी हुई तो भगवान ही मालिक रहेगा।चुकी बारिश का मौसम है और बाहर ही बनने वाले बड़े टेन्ट में हज यात्रियों को रुकने का पूरा इंतेज़ाम रहेगा।ऐसे में हज हज हाउस देर में बनना बड़ी दिक्कत पैदा कर सकता है। ज्ञात हो कि वाराणसी से पूर्वांचल के 16 जिलों के हज यात्रियों को उड़ान पकड़ने के लिए वाराणसी के हज हाउस आना पड़ता है।
2007 से शुरू हुई उड़ान के बाद कई दलों की सरकारे आई मगर स्थाई हज हाउस के नाम पर सब ने लॉलीपॉप ही थमाया।पवित्र शहरो को जोड़ने वाली ये उड़ान का ये 12 वा वर्ष है मगर हज हाउस मतलब नगण्य रहा।उधर सहायक नोडल व जिला अल्पसंखयक कल्याण अधिकारी(डीएमओ)कार्यालय की ओर से सुनील कुमार निरीक्षक डीएमओ व गुरुप्रकाश कनिष्ठ लिपिक ने हज हाउस में चल रहे काम निरीक्षण किया और काशीवार्ता को बताया कि जल्द ही काम को पूरा कर लिया जायेगा।